शिक्षकों को अपने तबादले के आवेदन शिक्षा विभाग के पोर्टल पर जाकर अपलोड करने होंगे। आवदेन करने के संबंध में तारीखों की घोषणा बाद में दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा, “नई स्थानांतरण नीति राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के स्थानांतरण और पोस्टिंग में एकरूपता लाएगी। इससे न केवल शिक्षकों को राहत मिलेगी बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।”
बिहार सरकार ने सरकारी शिक्षकों के लिए एक नई ट्रांसफर नीति घोषित की है। यह जानकारी शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने 7 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। नई नीति के तहत, गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, विकलांगता, विधवा और तलाकशुदा शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस नीति के अनुसार, शिक्षकों की नई पोस्टिंग दिसंबर में की जाएगी। शिक्षकों को उनके स्थानांतरण के लिए 10 विकल्प दिए जाएंगे। इसके अलावा, उन्हें हर पांच साल बाद स्थानांतरित किया जाएगा।हालांकि, इस नई नीति के कारण कुछ शिक्षकों में विरोध और नाराजगी भी देखी जा रही है।
शिक्षा मंत्री के अनुसार शिक्षकों को इससे बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि तबादले को लेकर शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। खासकर महिलाओं को जिनकी नियक्ति की वजह से उन्हें स्थान्तरण में समस्या होती थी। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है, लेकिन इस फैसले से कई शिक्षक नाखुश नजर आ रहे हैं। शिक्षकों का मानना है कि इस तरह की नीति टीचर्स की स्वंत्रता पर प्रतिबंध लगाती है। पहले ट्रांसफर अपनी इच्छा अनुसार लिया जाता था पर इस नीति के आ जाने से नियुक्ति के बाद ही ट्रांसफर अनिवार्य हो जायेगा।
नई नीति के तहत इन शिक्षकों को मिलेगी प्राथमिकता
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा, “यह केवल बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) के माध्यम से चयनित शिक्षकों, सरकारी शिक्षकों और अनिवार्य परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों पर ही लागू होगा। इसमें 1995 से कार्यरत पुराने शिक्षक भी शामिल हैं, नई नीति के तहत आवेदन कर सकते हैं”
इस नीति के तहत गंभीर रूप से बीमार, विकलांग, विधवा, तलाकशुदा, अकेले रहने वाले या पति-पत्नी की जोड़ी वाले शिक्षकों को स्थानांतरण के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी।
ऑनलाइन होंगे आवेदन
शिक्षकों को अपने तबादले के आवेदन शिक्षा विभाग के पोर्टल पर जाकर अपलोड करने होंगे। आवदेन करने के संबंध में तारीखों की घोषणा बाद में दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा, “नई स्थानांतरण नीति राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के स्थानांतरण और पोस्टिंग में एकरूपता लाएगी। इससे न केवल शिक्षकों को राहत मिलेगी बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।”
नीति के तहत सुधार और चिंताओं के लिए बनाई जाएगी समिति
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि यदि इस नीति में कोई खामियां नज़र आती है तो उसे दूर करने और उसके सुधार के लिए उपाय किए जायेंगे। इस काम के लिए नीति में जिला और संभागीय आयुक्त स्तर पर समितियां भी बनाई गई हैं। जिला स्तर पर समिति का नेतृत्व संबंधित जिला मजिस्ट्रेट करेंगे।
शिक्षकों का विरोध
काफी समय से शिक्षक ऐच्छिक तबादले की मांग कर रहे थे लेकिन इस नीति की घोषणा का अब वे विरोध करते नज़र आ रहे हैं। शिक्षक संघ के नेता केशव कुमार का कहना है कि नीति के तहत पुरुष शिक्षक को अनुमंडल से बाहर किया जायेगा जबकि दूसरी नियामवली में कहती है कि जो जिला है उसी में तबादला किया जायेगा। बहुत जिले ऐसे हैं जैसे बांका, शिवहर, जमुई, लखीसराय, अरवल यहां सिर्फ एक ही अनुमंडल है। तो उन्हें जिला से बाहर जाना पड़ेगा नहीं तो अनुमंडल में ही रहना पड़ेगा। यह नियम गलत लगते हैं।”
शिक्षकों की मांग है कि इस नई नीति पर पुनर्विचार हो या इसे स्थागित कर दिया जाए।
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