जिला वाराणसी में वाराणसी के कलाकारों द्वारा ही बनाई गई फिल्म “जियो बात बहादुर No. -1” आप सबने देखि होगी। बहादुर नाम से ही बात में दम लगता है और यह फिल्म बनाने का उद्देश्य है कि पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं।
इस फिल्म जियो बात बहादुर No.-1 में कलाकार मोहमद असलम जिन्होंने फिल्म में जुड़ुआ भाई का रोल किया है। बताते हैं है की फिल्म काफी मजेदार है और लगभग जो डेढ़ सौ लोग इस फिल्म में काम किये हैं सब बनारस के हैं और बनारस में ही सूटिंग हुई है।
मोहमद असलम जी का कहना है कि हम तो कई फिल्म में काम कर चुके हैं लेकिन इस फिल्म में एक सपना और एक सोच है कि यह भोजपुरी फिल्म परिवार के साथ देखी जा सके।वैसे अभी तक भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में जितनी भी फिल्मे बनी हैं या आगे बन रहीं हैं वो ऐसी होती हैं की हम परिवार वालों के साथ नहीं देख सकते। “जियो बात बहादुर No. -1” फिल्म के साथ मेरा जो बचपन का सपना था कि मै भी हीरो बनू और फिल्म बनाऊ वो भी पूरा हो रहा है
एक भोजपुरी फिल्म के रूप में, और आज यह फिल्म जियो बात बहादुर No.-1पहली बार वाराणसी के आनंद मन्दिर मे लगी है और यह देखकर हम सबको बहुत खुशी हो रही है, और इससे मैं ये कह सकता हूँ कि हर सपना सच हो सकता है बस कोशिश कर के देखने की जरूरत है।और इस फिल्म में एक गाना बनारस के पान पर भी है कि हमारी यादे और जन्म तो बनारस का है इसी लिये एक गाना बनाया गाना है।
गाने के बोल हैं कि खाला राज मगही पान आजाई तोहरो में जान। फिल्म के राईटर मोतीलाल ने बताया की इस फिल्म को तो बनाने में लगभग महीने भर लगे थे लेकिन सिनेमा तक आने में चार साल लग गये। फिल्म की हिरोइन का कहना है कि हमने आज तक जितनी फिल्म बनाई है सब में अच्छा रोल किया है मुझे अपनी संस्कृत और सभ्यता से काम करना अच्छा लगता है वैसे ही इस फिल्म में भी रोल किया है। काफी मजेदार फिल्म है और वाराणसी में ही इसकी सूटिंग हुई है।