भारत जोड़ो यात्रा 4 जनवरी को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से होकर गुज़री। जहाँ यात्रा को भारत से जोड़ने की बात की जा रही थी वहां पर हमने देखा कि जो यात्रा भारत को जोड़ने की बात करती है उसमें लकड़ी ले जाती हुई महिलायें उस जुड़ाव से अलग नजर आई। महिलाओं को यात्रा के जुड़ाव से ज्यादा अपने रोजगार की चिंता थी और शायद वह कहीं न कहीं यह भी जानती थी की यह यात्राएं सिर्फ नाम की हैं। वह तो कभी भारत को खुद से जोड़ ही नहीं पाई तभी तो वह आज भी अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए हर रोज जद्दोजह्द करती नजर आती हैं।
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