Bhanwari Devi: भंवरी देवी वो नाम, वो चेहरा है जो लगभग 30-35 सालों से बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं लेकिन इस लड़ाई में उन्हें कभी किसी भी पड़ाव पर किसी भी तरह की राजनीतिक मदद नहीं मिली जबकि राजस्थान में बाल विवाह एक बेहद बड़ा मुद्दा है।
वह कहतीं,“मैं आखिरी दम तक इस लड़ाई को लड़ूंगी।” इस लड़ाई में उन्हें सरकार का कभी उतना सहयोग नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। यूं तो बाल विवाह पर कानूनी तौर पर रोक लगा दी गई है लेकिन इसके बावजूद राजस्थान में आज भी कई जगह बाल विवाह हो रहे हैं।
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राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी माहौल है। उनके संघर्ष को राजनेताओं द्वारा एक बार फिर इस्तेमाल किया जा रहा है। अब धीरे-धीरे हुजूम उनके दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है जिसने कभी उनके संघर्ष में वो सहयोग नहीं दिया जो उन्हें मिलना चाहिए था।
हमारा समाज आज भी लैंगिक असमानताओं से जूझ रहा है, ऐसे में भंवरी देवी की कहानी की गूँज इस बात का सबूत है कि बदलाव मुमकिन है।
भंवरी देवी के अटूट संकल्प ने न ही सिर्फ अनगिनत महिलाओं को उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होने की दिशा दी है, बल्कि उन्हें अडिग ताकत के साथ एक नारीवादी प्रतिरोध लाने के लिए प्रेरित किया है।
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