सेम एक तरह की सब्जी है, जो हर जगह पर आसानी उगाई जा सकती है। यह खासकर अगस्त से अक्टूबर के बीच तैयार होती है। सेम का पौधा जमीन पर नहीं बल्कि पेड़ या ऊंची जगह पर चढ़कर फलता है। इसलिए यह आम सब्जियों से थोड़ा अलग होता है हालांकि बाजार में भी इस बहुत ज्यादा बिकता है।
रिपोर्ट – सुनीता, लेखन – कुमकुम
सेम का सीजन और मिलने की जगह
सेम का सीजन मानसून के बाद होता है, खासकर अगस्त से अक्टूबर के महीने में। यह सब्जी मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों और जंगलों के आस-पास मिलती है। भारत के कुछ राज्यों में जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड के कुछ जिलों में होता है
बिहार और झारखंड में इसे ज़्यादातर मुसहरी सेम या सेमाई कहा जाता है वहीं उत्तर प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर सेम या सेमा कहा जाता है।
सेम से कई प्रकार के डिश बनायी जाती हैं जैसे सेम की सब्जी,सेम की दाल, अचार,और सबसे ज्यादा जो बनाया जाता है वो है सेम का चोखा जिसका स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट और फायदेमंद होता है।
सेम से चोखा बनाने की विधि
सेम का चोखा सबको पंसद आता है इसलिए ज्यादातर लोग इसका चोखा बनाते हैं सबसे पहले सेम को पेड़ से तोड़ लें या मार्केट से लाये। सेम को अच्छे से दो बार पानी में धो लें फिर इसे पतला-पतला काट लें। पांच मिनट के लिए उबाल लें। इसमें अपने पसंद के अनुसार आलू भी डाल सकते हैं। प्याज, मिर्च, लहसुन, धनिया, हल्दी, नमक आदि मसाले डालकर मिलाएं और फिर एक कलछी में थोड़ा तेल डालकर जीरा, दो लाल मिर्च डालकर छौंक लगा दे। हरी धानिया काटकर डाल दे स्वादिष्ट चोखा बनकर तैयार हो जाएगा। फिर रोटी या चावल के साथ इसे खाये।
सेम की सब्जी बनाने की आसान विधि
सेम की सब्जी बनाने से पहले सेम को धोकर दोनों सिरे काट लें और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। कड़ाही में तेल गर्म करें फिर तेल में राई डालें। जब राई चटकने लगे, तब जीरा और हींग डालें और अब कटे हुए सेम डालें। 2-3 मिनट हल्की आंच पर भूने फिर हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालकर अच्छी तरह मिलाए। पौने कप पानी डालें और ढककर 8-10 मिनट तक धीमी आंच पर पकने के लिए छोड़ दें। पक जाने के बाद ऊपर से हरा धनिया डालें। अब स्वादिष्ट सब्जी बनकर तैयार है
सेम सेहत और ताकत का खजाना
सेम सिर्फ स्वाद में अच्छा नहीं है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत अच्छा है। इसमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फाइबर और विटामिन्स अच्छे-अच्छे मात्रा में होते हैं। अगर हम रोज सेम खाते हैं तो हमें कब्ज, पाचन की समस्या, कमजोरी और हड्डियों की कमजोरी जैसी परेशानियां नहीं होती। इसलिए सेम को अपनी रोटी-भाजी में जरूर शामिल करना चाहिए, ताकि हम तंदरुस्त, मजबूत और फुर्तीले बने रहें।
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