देश की बेरोजगारी दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा लही हैं जैसे कि सरकार ने पशुपालन योजना के तहत किसानों को लोन देने के लिए फॉर्म भरवाए गये है| यह योजना 21 जुलाई 2020 से चल रही है जिसके तहत जिले के सैकड़ों किसानों ने फॉर्म भरे हैं लेकिन फॉर्म भरने के बाद अब वह बैंक और पशु विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन पैसा उनका अभी तक नहीं आया|
एक तरफ तो बुंदेलखंड का किसान वैसे भी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है दूसरी तरफ सरकार की नई नई नीतियां और योजनाएं जो उनको कर्ज लेने के लिए उकसा रही हैं| जिसके लिए किसान सुनते ही कर्ज लेने के लिए और योजनाओं का लाभ लेने के लिए दौड़ तो पड़ता है| लेकिन क्या उनको लाभ हो पाता है या नहीं यह तो उन्हें बाद में ही पता चलता है|
जब इस बारे में हमने किसानों से बात की तो उनका कहना था कि हां उन्होंने फॉर्म भरा है और फॉर्म भरने मैं सौ से डेढ़ सौ रुपए खर्च हुआ है उनको यह था कि अगर सरकार लोन दे रही है तो वह लेकर पशू पालन करेंगे और उससे अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे लेकिन छह छह महीने हो गए फॉर्म भरे अभी तक कोई पता नहीं है कि पैसा क्यों नहीं आया बैंक जाते हैं तो वहां से मगा दिया जाता है और पशु विभाग जाते हैं तो वहां कह दिया जाता है कि अभी नहीं आ जाएगा इन दोनों के बीच वह किसान फॉर्म भरने के बाद चक्कर काट रहे हैं|
किसानों का यह भी कहना है कि आज के समय में दूध की महंगाई है और अगर वह पशु पालन करते हैं तो पशु पालन से उनके घर का खर्च चलेगा क्योंकि वह दूध का धंधा करेंगे और इसी उद्देश्य के साथ विभाग ने भी पशुपालन के लिए लोन देने की योजना चलाई है बाद में धीरे-धीरे भरेंगे| लेकिन जब अभी आया ही नहीं है तो क्या करें अगर आ जाएगा तो बहुत ही अच्छा होगा उनके लिए और उसी आस में बैठे हुए हैं |