ये कहानी किसी एक गांव की नहीं, हजारों गांवों की है। जहाँ वादों की बारिश तो हुई, लेकिन विकास का पानी नहीं बरसा। गलियों से लेकर कॉलोनियों तक मच्छरों का आतंक लोगों की दिनचर्या और स्वास्थ्य दोनों पर भारी पड़ रहा है। प्रशासन की सुस्ती और बदइंतजामी ने हालात को और भी बदतर बना दिया है। गांव की गलियां गंदे पानी से लबालब हैं, लेकिन जिम्मेदार मौन हैं। मच्छरों की फौज ने हर घर पर हमला बोल दिया है। सफाई तो दूर, दवा का छिड़काव तक नहीं हुआ। गांव की यह अनदेखी कब तक चलेगी? ग्राम पंचायत प्रधान बाबूराम से बातचीत की गई है उन्होंने बताया है कि जैसे टेंडर पास हो जाये तो बरसात के पहले ही सड़क का काम करा दिया जाएगा।
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