बांदा जिले के पंचायत सहायकों ने अपनी परेशानी जताई है। उन्हें पंचायत के काम के लिए रखा गया था, लेकिन अब उनसे कृषि विभाग का सर्वे कराया जा रहा है। क्रॉप कटिंग सर्वे के दौरान उन्हें खेतों में जाना पड़ता है — जहां जंगली जानवरों, सांप-बिच्छुओं और सुरक्षा की भारी कमी रहती है। महिला सहायकों को अकेले जाने में डर लगता है, फिर भी कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। पंचायत सहायकों ने 15 सितंबर 2025 को डीएम को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज कराया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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