गांव की गुड़िया बताती हैं कि सफाई न होने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। नालियां जाम हो चुकी हैं जिससे घरों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। उन्होंने कहा, “हम लोगों को रोज इस गंदगी से गुजरना पड़ता है लेकिन पंचायत और प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा।”
रिपोर्ट – गीत, लेखन – सुनीता प्रजापति
जिला बांदा, ब्लॉक महुआ के अंतर्गत आने वाले मोतियारी गांव में सफाई कर्मचारी की तैनाती न होने से गंदगी का अंबार लग गया है। लगभग 6 हजार की आबादी वाले इस गांव में नालियां कचरे से भरी पड़ी हैं जिससे जलभराव और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
गांव वालो के अनुसार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। नालियों की सफाई न होने से गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है जिससे आने-जाने में दिक्कत हो रही है। गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही बदबू और मच्छरों की समस्या भी बढ़ गई है जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।
ग्राम प्रधान ने इस समस्या के समाधान के लिए ब्लॉक स्तर से कई बार सफाई कर्मचारी की मांग की है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। मजबूरन ग्रामीणों को खुद सफाई करनी पड़ रही है।
ग्राम पंचायत की अनदेखी बनी गंदगी का कारण
गांव की गुड़िया बताती हैं कि सफाई न होने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। नालियां जाम हो चुकी हैं जिससे घरों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। उन्होंने कहा, “हम लोगों को रोज इस गंदगी से गुजरना पड़ता है लेकिन पंचायत और प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा।”
गांव के भगत का कहना है कि गंदगी के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ गई है जिससे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि पहले गांव में दो सफाई कर्मचारी थे लेकिन एक का ट्रांसफर हो गया और दूसरी सफाई कर्मचारी गांव में काम नहीं करती। उन्होंने कहा सफाई कर्मचारी न होने के कारण गंदगी से बीमारियों का डर बना रहता है।
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गांव की सफाई सिर्फ सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी नहीं
गांव के पूर्व प्रधान राम किशोर का कहना है कि स्वच्छता केवल सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत मिशन के सपने का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हर व्यक्ति अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखे तो गांव और शहर दोनों स्वच्छ रह सकते हैं।
राम किशोर ने कहाअक्सर लोग अपने घरों का कचरा सड़कों और नालियों में डाल देते हैं, जिससे नालियां जाम हो जाती हैं और गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है। इससे मच्छर पनपते हैं और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फिर लोग शिकायत करते हैं कि सफाई कर्मी नहीं आते। उन्होंने यह भी कहा कि गांव की सफाई सिर्फ एक या दो सफाई कर्मियों से संभव नहीं है। लोगों को खुद भी जागरूक होकर सफाई व्यवस्था में सहयोग देना चाहिए, ताकि गंदगी और बीमारियों से बचा जा सके।
गर्मी के साथ बढ़ रहा बीमारियों का खतरा
गांव के खब्बू का कहना है कि गर्मियों में बीमारियां वैसे ही बढ़ जाती हैं लेकिन गंदगी के कारण हालात और बिगड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव में पहले से ही कई लोग बुखार, खुजली, जोड़ों के दर्द और पेट संबंधी बीमारियों से परेशान हैं।
खब्बू कहते हैं “गंदगी और नालियों में रुके पानी के कारण मच्छर तेजी से पनप रहे हैं जिससे मलेरिया, डेंगू, वायरल फीवर और अन्य संक्रमण फैल सकते हैं। अभी ही इतनी बदबू और गंदगी है कि घर के बाहर बैठना मुश्किल हो गया है। अगर जल्द सफाई नहीं हुई तो पूरे गांव में बीमारी फैल जाएगी। हम चाहते हैं कि गांव में जल्द से जल्द सफाई कर्मचारी की भर्ती हो औररोज सफाई होना शुरू हो जाये, जिससे हम स्वस्थ रह सकें।
गांव में सफाई कर्मियों की कमी, ग्राम प्रधान ने की भर्ती की मांग
ग्राम प्रधान फूलचंद का कहना है कि ग्राम पंचायत में लगभग 2,900 वोटर और 6,000 की आबादी है लेकिन एक महिला सफाई कर्मी है। उसे ग्राम पंचायत के तीन पूरवों – मुर्दीपुर, बेलापुरवा और एक अन्य स्थान की सफाई की जिम्मेदारी दी गई है।
मोतियारी गांव काफी बड़ा है और यहां की सफाई के लिए सिर्फ एक सफाई कर्मी काफी नहीं है। कम से कम चार सफाई कर्मी होने चाहिए तभी गांव की सफाई सही तरीके से हो सकती है। त्योहारों के समय में हम खुद से अपने जेब से पैसा देकर गांव के जमादारों को बुलाकर गांव की सफाई करवाते हैं। ब्लॉक और जिला प्रशासन से कई बार सफाई कर्मियों की नियुक्ति की मांग की गई है लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
मोतियारी गांव में जल्द होगी सफाई कर्मी की भर्ती – एडीओ पंचायत
महुआ ब्लॉक के एडीओ पंचायत केदार सिंह का कहना है कि मोतियारी गांव में सफाई कर्मी न होने की शिकायत हमे मिली है। हम जल्द ही वहां सफाई कर्मी की भर्ती करवाने का प्रयास करेंगे।
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