बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गाँव में एक नाबालिग दलित युवती का बलात्कार किया गया है।
जहाँ एक तरफ पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है और देश के नागरिक एक दूसरे की मदद करके इंसानियत की नयी मिसाल बन रहे हैं, वहीँ देश के कुछ हिस्सों में अभी भी हैवानियत नया रूप ले रही है। उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में महिला से हैवानियत का एक नया मामला सामने आया है। बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गाँव में एक नाबालिग दलित युवती का बलात्कार किया गया है।
चिल्लाने पर दी जान से मारने की धमकी-
गाँव की रहने वाली 15 वर्षीय आस्था (बदला हुआ नाम) का आरोप है कि 21 मई 2021 की रात को करीब 12 बजे जब सब लोग सो गए तो महोल्ले का 25 वर्षीय कुलदीप तिवारी नाम का एक व्यक्ति, उसके घर में घुंस आया और पीड़िता को दबोच लिया। लड़की के आवाज़ करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़ित युवती के पिता बिंदा वर्मा का आरोप है कि कुलदीप कई दिनों से उनकी लड़की के पीछे पड़ा था और उनके घर में घुंसने के लिए सेंध लगाए बैठा था। 21 मई की रात जैसे ही उसे मौका मिला, वो उनके घर में घुंस आया।
पीड़ित युवती का कहना है कि घटना की जानकारी उसने अपनी माँ को दी जिसके बाद उसकी माँ ने उसके पिता और भाई को सोते से जगाया और पूरी बात बताई। पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपी ने उसकी जान लेने की धमकी के साथ-साथ यह भी कहा था कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी को बताया तो वो उसके भाई को भी जान से मार देगा।
पीड़िता को भेजा गया है जांच के लिए अस्पताल-
पीड़िता के पिता ने 22 मई 2021 को आरोपी कुलदीप के खिलाफ तिंदवारी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद तुरंत ही तिंदवारी थाना अध्यक्ष हरी शरण सिंह मौके पर पहुंचे। थाना अध्यक्ष का कहना है कि पीड़ित युवती को जांच के लिए बांदा के जिला सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है, साथ ही अपराध संख्या 66 / 21 धारा 376 452 506 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकरण भी कर लिया गया है।
पुलिस ने सूचना दी है कि जब तक वो लोग मौके पर पहुंचे, आरोपी गाँव से भाग चुका था लेकिन उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जैसे ही अपराधी पकड़ में आएगा उसे तत्काल जेल भेज दिया जाएगा।
दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले सबसे ज़्यादा यूपी में-
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2020 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले एक दशक में दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में 37 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। इन आंकड़ों में हैरान करने वाली बात तो यह है कि 81.8 प्रतिशत घटनाओं के मामले उत्तर प्रदेश में सामने आए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर दिन चार दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होता है। इसके साथ ही 2020-21 में ज़्यादातर यौन उत्पीड़न का शिकार नाबालिग लड़कियां हुई हैं। सितम्बर 2020 में हाथरस गैंग रेप और हत्या की शिकार युवती की उम्र मात्र 19 साल थी। इसके अलावा मार्च 2021 में बांदा के एक गाँव में 8 वर्षीय बच्ची एक व्यक्ति के दुष्कर्म का शिकार हुई थी। यह आंकड़े ये साफ़ दर्शाते हैं कि हमारे देश में आज तक दलित महिलाएं शारीरिक और यौन हिंसा की शिकार हो रही हैं। और हैवानियत की हद तो तब पार हो जाती है, जब कुछ इंसानी दरिंदे छोटी बच्चियों को भी नहीं छोड़ते।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए शिवदेवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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