बाँदा जिले के ग्राम पंचायत पिपरहरी में एक व्यक्ति से लाखों की चोरी के 6 महीने बाद मामले की जांच के लिए गाँव में पहुंची पुलिस।
जिला बांदा के ब्लॉक नरैनी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पिपरहरी मजरा चौकी पुरवा में 18 मार्च 2021 की शाम 5:30 बजे पैसे छीनने और मारपीट करने का एक मामला सामने आया था। जिसकी रिपोर्ट भी पीड़ित परिवार ने नरैनी कोतवाली में दर्ज कराई थी। लेकिन 6 महीने बीतने के बाद यानी कल 18 अगस्त को पुलिस पीड़ित के गांव जांच पड़ताल करने के लिए पहुंची। तब वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। तो आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला और क्यों इतने दिन बाद पुलिस को इस केस की जांच करने की फुर्सत मिली।
जानिए पूरे मामले के बारे में
चौकी पुरवा गांव के शिव शंकर, पुत्र गोरेलाल बताते हैं कि वह एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति हैं और उन्होंने लोन में ऑटो गाड़ी उठाई थी। जिससे वह अपना परिवार चलाते हैं और उसी की कमाई से किस्त भी भरते हैं। लेकिन लॉकडाउन के चलते कमाई ना होने के कारण वह 1 साल से उस ऑटो की किस्त नहीं भर पा रहे थे। जिसके कारण उन्होंने 1 साल का पूरा किस्त एक साथ किसी तरह पैसे जुटाकर भरने की कोशिश भी की।
वह जब 18 मार्च 2021 को नरैनी में खुले इंडियन बैंक में अपनी गाड़ी से ही बैग में ₹50000 लेकर किस्त जमा करने के लिए बैंक गए, लेकिन देर से पहुंचने के कारण बैंक में पैसा जमा नहीं हो सके। तकरीबन 5:30 बजे वह शाम को अपने ही आटो गाड़ी से वापस गांव आ रहे थे तभी पहले से दशरथ पुरवा गांव के पास घात लगाए लोमस पंडित और उसके दो साथियों ने उसके गाड़ी के सामने आकर उसकी गाड़ी रोकी। फिर बिना कुछ सोचे समझे और कहे सुने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। शिव शंकर को गाड़ी से बाहर खींच लिया। उसके साथ काफी मारपीट की और इसके बाद ₹50000 से भरा उसका बैग छीन कर भाग खड़े हुए।
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही
इस मामले की शिकायत शिव शंकर ने नरैनी कोतवाली में की। लेकिन 6 महीने तक यह मामला दबा रहा। कई बारी इस मामले की खोजबीन के लिए वह थाने भी पहुंचा और वजह जानने की कोशिश भी की। लेकिन अभी तक किस तरह की कार्यवाही हुई है या नहीं हुई, उसको किसी तरह की कोई सूचना नहीं मिली।
अधिकारी को सूचित करने पर आई पुलिस
जब कुछ नहीं हुआ तो उसने बड़े अधिकारियों को रजिस्ट्री की और मुख्यमंत्री पोर्टल में भी शिकायत की। तब जाकर 18 अगस्त 2021 को उसके गांव हलका इंचार्ज आशीष पटेरिया जांच के लिए अपने एक साथी के साथ मोटरसाइकिल में पहुंचे।
आरोपी लोमस के बारे में लोगों ने बताया पुलिस को
जब गांव में हल्का स्पेक्टर पहुंचे तो काफी लोगों की भीड़ लग गई। लोगों ने बताया की लोमस नाम का जो व्यक्ति है, वह आए दिन किसी ना किसी को परेशान करता रहता है। एक दिन उसने एक रिक्शे वाले के साथ भी मारपीट की। वग दबंग व्यक्ति है। लोगों को गरीब जान कर परेशान करता है। इसलिए उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता और फिर वह किसी को परेशान करेगा तो वह लोग उसको पकड़ कर मारेंगे इसके बाद पुलिस को सूचना देंगे।
शिव शंकर बताते हैं कि जब आरोपी लोमस गाली गलौज और मारपीट करके पैसे छीन कर भाग रहा था तो उसने भागते हुए धमकी भी दी थी कि अगर उसके खिलाफ वह कहीं पर शिकायत करेगा तो वह उसके साथ और भी मारपीट करेगा। वह उसकी गाड़ी में आग लगा देगा।
इसकी सूचना उसने 19 मार्च 2021 को पहली बार थाने में दी थी। कार्यवाही ना होने पर उसने फिर से 27 मार्च 2021 को दोबारा थाने में सूचना दी। लेकिन 6 महीने बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। उसको हमेशा डर बना रहता है,क्योंकि उसी रास्ते से उसका आना जाना है और वह गाड़ी के सहारे ही अपना भरण-पोषण करता है।
उसने बताया कि कोरोना काल में तो सब जानते हैं कि जब रोजगार बंद था तो गरीबों की क्या स्थिति थी। वैसे ही उसका ऑटो भी बंद हो गया था और वह बेरोजगारी से जूझ रहा था। जिस कारण उसने अपने ऑटो की किस्त नहीं भर पाई थी। जब लोमस ने उसके क़िस्त भरने के पैसे चुरा लिए तो शिकायत करने के महीनों बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
वह चाहता है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो और उसका पैसा भी दिलाया जाए क्योंकि उस गरीब व्यक्ति के लिए ₹50000 बहुत मायने रखते हैं।
आरोपी के परिवार से भी की विनती
शिवशंकर ने बताया कि,” उसने लोमस के परिवार से उलाहना भी किया था पर लोमस का पिता बाला प्रसाद बोल रहा था कि आप को जो करना हो करो मैं भी उससे परेशन हो चुका हूं।”
मामले को लेकर क्या कहती है पुलिस?
हलका इंचार्ज आशीष पटेरिया ने कहा कि जो भी आपका गया है और जो भी घटना घटित हुई है वह उनको सच-सच बताएं। उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। वह इस केस की तह तक जाएंगे और कार्यवाही भी करेंगे। यहां पर किसी की गुंडागर्दी नहीं चलेगी। अगर इस तरह से दोबारा होता है तो हां उस व्यक्ति को पकड़कर वह उनके हवाले कर सकते हैं। लेकिन उसके साथ मारपीट करने की और अपने हाथ केस लेने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन सवाल यह है कि पहले पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी?
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है।
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