बांदा जनपद के बाबूलाल चौराहा में स्थित राइफल क्लब मैदान में 2 फरवरी से हॉकी प्रतियोगिता चल रही है। इसका समापन 9 फरवरी को है। हॉकी राष्ट्रीय खेल है लेकिन लोगों की रुचि क्रिकेट की ज्यादा है। खेल की दुनिया में क्रिकेट का बहुत कम्पटीशन है।
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है । हॉकी एक लोकप्रिय खेल है, जिस प्रकार यह खेल भारतवर्ष में कई वर्षों से खेला जा रहा है उससे यह प्रतीत होता है कि यह खेल भारतीय है । वास्तविकता यह है, कि भारतवर्ष में हॉकी को अंग्रेजों ने शुरू किया था । भारतीय इस खेल में दक्ष हो गए और अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में विजय प्राप्त करके नाम कमाया ।
बहुत पहले ईरान के लोग बल्लों से एक खेल खेला करते थे । यह खेल हॉकी से मिलता था । किन्तु वह खेल हॉकी की तरह बढ़िया नहीं था । ईरानियों से यह खेल यूनानियों ने सीखा और उसे रोम तक पहुंचाया। वर्ष 1921 में एथेन्स में हुई खोज के आधार पर इस बात की पुष्टि हुई, कि यूरोप – यह खेल पूर्व से ही पहुंचा । किन्तु आधुनिक हॉकी से मिलता-जुलता खेल पहली बार इंग्लैण्ड में ही खेला गया उस समय यदि 14 मीटर से ज्यादा की दूरी से गोल किया जाता तो उसे गोल नहीं माना जाता था ।भारत सरकार के खेलो इंडिया में दमखम दिखाएंगे साहिल और हर्ष
किन्तु तब तक गोल वृत्त नहीं बनाया जाता था । जिस प्रकार की हाँकी अब खेली जा रही है हॉकी का जन्म 1886 में तब हुआ जब हाँकी एसोसियेशन की स्थापना हुई । इसके बाद इंग्लैण्ड और आयरलैंड के मध्य वर्ष 1895 में पहला अन्तर्राष्ट्रीय मैच खेला गया ।
इस खेल के प्रति जानकारी भी लोगों को कम है। यहां तक कि जो यूथ खेल प्रेमी हैं वह क्रिकेट को ही प्राथमिकता देते हैं। अगर बुंदेलखंड की बात करें तो यहां पर इस खेल को लोग जानते भी कम हैं। कुछ लोग अब इस खेल को प्राथमिकता दे रहे हैं।
इस सात दिन की हॉकी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए देश के अलग अलग शहरों से खिलाड़ी टीम प्रतिभाग कर रही हैं।जिसमें महिला और पुरुष दोनों टीम शामिल है। इस प्रतियोगिता का आयोजन बांदा के खेल प्रेमियों ने किया।