उत्तर प्रदेश बांदा जिला के तिंदवारी ब्लॉक के ग्राम पंचायत अमली कौर का मजरा भगदरा डेरा में भाइयों के बीच ज़मीनी विवाद का मामला सामने आया है। गाँव के रहने वाले सज्जन निषाद और राम कुमारी का कहना है कि भाइयों के बीच ज़मीन का बंटवारा था जिसमें उन्होंने ग्राम पंचायत लगवाया था। गांव के पंचों ने बंटवारे की बातचीत की पर बंटवारे में किसी भी तरह का सुलह या समझौता नहीं हुआ। जिसमें सज्जन निषाद ने चौकी प्रभारी बेंदा घाट के रोशन गुप्ता को बुलाया। जिसमें वह सुलह और समझौता पुलिस द्वारा कराना चाहते थें। पुलिस को देखकर पंचों ने पंचायत खत्म कर दी और वह अपने-अपने कामो पर चले गए।
लोगों का आरोप है कि पंचायत में पहुंचकर पुलिस द्वारा गाली-गलौच की गयी। फिर रामदास सिंह के लड़के ओम प्रकाश उर्फ़ राजा को पुलिस ने पकड़ लिया और उसे पीटा। इतना ही नहीं उसके ऊपर चौकी इंचार्ज रोशन गुप्ता ने पैट्रोल डाल कर पिटा जिससे वो पूरी तरह घायल हो गया था l ओमप्रकाश के पिता रामदास सिंह का आरोप है कि जो अपराधी था उसको पुलिस नहीं पकड़ा और उनके बेटे को पकड़ लाया। पकड़ कर उसकी डंडे से खूब पिटाई की गयी। रामदास सिंह का कहना है कि जनता को समझाने के लिए पुलिस बनाई गई है। पुलिस का व्यवहार बहुत गलत है। इसका असर जनता के ऊपर पड़ता है। इनका ये भी कहना है कि अगर मुझे न्याय नहीं मिलेगा तो मैं फांसी भी लगा सकता हूँ।
रामदास सिंह ने बांदा जिले के एसपी के पास दरख़्वास्त देकर पुलिस के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।
ओम प्रकाश उर्फ राजा, घायल, पड़ोसी ग्राम पंचायत अमली कौर से फोन पर हुई बातचीत इनका कहना है की हम बेकसूर मेरी कोई गलती नहीं है जबकि पुलिस वाले पकड़ कर चौकी ले गए मैं उन से बोलता रहा की मुझे छोड़ दीजिये लेकिन वो लोग नहीं माने जबरदस्ती ले जा कर मुझे डंडे से पिटा गया और पैट्रोल डाल कर खूब मारे है lइनका यह भी कहना है कि इलाज करा घर आ गया हु उठने बैठने में दिक्क्त हो रही है बाकी चल फिर रहा हु अच्छे से मुझे न्याय जरूर मिलना चाहिए l
रोशन गुप्ता, चौकी इंचार्ज, बेंदाघाट, थाना तिंदवारी से फोन पर हुई बातचीत इनका का कहना है कि जो लोगों का आरोप है, वह गलत है। लोगों के बीच झगड़ा होने पर उन्हें बुलाया गया था। रामदास द्वारा पुलिस को गाली दी गयी थी इसी वजह से उसे डराने के लिए रामदास के बेटे को पकड़ा गया अगर मारने पीटने वाली बात होती तो ओमप्रकाश का रिपोर्ट में जरूर आता लेकिन ये गलत आरोप लगाया जा रहा है l
सवाल यह है कि एक तरफ पुलिस प्रशासन लोगों को न्याय दिलाने की बात करती है। वहीं वह खुद बेगुनाहों को सज़ा दे रही है तो क्या जनता को कभी न्याय मिल पायेगा ?
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