बम्बिया गांव इन दिनों गंदगी और मच्छरों के कहर से जूझ रहा है। गांव की नालियां कचरे से भरी हुई हैं जिससे मच्छरों का प्रजनन तेजी से हो रहा है। इसके कारण गांव में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं।
रिपोर्ट – शिवदेवी, लेखन – गीता
जिला बांदा। गर्मी के मौसम में कचड़े के ढेर और गंदगी से जाम नालियों की वजह से शहर हो या गांव मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। कागज में विभाग के अफसर फॉगिंग और दवा के छिड़काव हमेशा करने का दावा करते हैं। जबकि गांव वासियों का कहना है कि गर्मी के सीजन में कभी-कभार दवा का छिड़काव होता होगा पर हमेशा ना तो दवा का छिड़काव होता है और ना ही नालियों की सफाई होती है। बड़े-बड़े कचड़े के ढेर लगे रहते है जिसका कुंडा भी नालियों में गिर जाता है और नालियां जाम हो जाती है।
बम्बिया गांव इन दिनों गंदगी और मच्छरों के कहर से जूझ रहा है। गांव की नालियां कचरे से भरी हुई हैं जिससे मच्छरों का प्रजनन तेजी से हो रहा है। इसके कारण गांव में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं। हर घर में कोई न कोई सदस्य इन बीमारियों से जूझ रहा है। नालियों में लंबे समय से जमा कचरा मच्छरों के पनपने की जगह बना रहा है। इससे न केवल बदबू फैल रही है बल्कि लोग दरवाजे के बाहर भी नहीं बैठ पा रहे हैं।
गांव के प्रेम नारायण का कहना है कि गर्मी और गंदगी दोनों ही इस समय कई तरह कि स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी और लू का खतरा बढ़ जाता है जबकि गंदगी से कई तरह की संक्रमण बीमारियां फैलती हैं। जिसके कारण गांव के लोग परेशान होते हैं लेकिन ना तो यहां पर नियमित दवा का छिड़काव होता है और ना ही फागिंग होती है जिससे मच्छरों का प्रकोप कम हो सके। एक समय था जब हर घर में दवा का छिड़काव होता था। तब मच्छर नहीं होते थे और लोग स्वस्थ रहते थे। अब स्थिति उलट हो चुकी है हर घर में कोई न कोई बीमार है। इसका कारण है मच्छरों का बढ़ना है। एक तो गर्मी दूसरा मच्छरों ने दिन का चैन और रात कि नींद हराम कर दी है।
गांव कि रानी कहती हैं कि हर दिन तापमान बढ़ता है जिससे गर्मी बढ़ रही है और मच्छर ना तो रात में नींद भर सोने देते हैं और ना ही दिन में। यही कारण है कि हर घर में लोग बीमार है। अब सिर्फ कुछ बचा है तो बीमारी और अस्पतालों का हाऊसफुल चलना। यही तो समय है जब डॉक्टरों का एक तरह से चैत पका है क्योंकि हर घर में बीमारियां हैं और रोज लोग अस्पताल दौड़ते हैं जिससे डॉक्टरों कि आमदनी बढ़ गई है। चाहे सरकारी हो या प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगी ही रहती है।
इस लिए प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द गांव की नालियों कि सफाई करवाई जाए और ब्लीचिंग पाउडर व दवाओं का नियमित छिड़काव कराया जाए। अगर समय रहते कार्यवाही नहीं हुई तो स्थिति और भी भयावह होने का डर और चिंता सताती है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब इस ओर ध्यान देता है और गांव को इस गंदगी और बीमारी से कब राहत मिलती है।
गांव के प्रेम नारायण का कहना है कि गर्मी और गंदगी दोनों ही इस समय कई तरह कि स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी और लू का खतरा बढ़ जाता है जबकि गंदगी से कई तरह की संक्रमण बीमारियां फैलती हैं। जिसके कारण गांव के लोग परेशान होते हैं लेकिन ना तो यहां पर नियमित दवा का छिड़काव होता है और ना ही फागिंग होती है जिससे मच्छरों का प्रकोप कम हो सके। एक समय था जब हर घर में दवा का छिड़काव होता था। तब मच्छर नहीं होते थे और लोग स्वस्थ रहते थे। अब स्थिति उलट हो चुकी है हर घर में कोई न कोई बीमार है। इसका कारण है मच्छरों का बढ़ना है। एक तो गर्मी दूसरा मच्छरों ने दिन का चैन और रात कि नींद हराम कर दी है।
तिंदवारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर नरेंद्र विश्वकर्मा का कहना है कि इस समय मरीजों की काफी भीड़ अस्पताल में देखी जा रही है। अधिकतर मरीज मच्छरों से फैली बीमारियों के ही शिकार हैं। गांव-गांव में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इन बीमारियों के बचाव के लिए मरीजों को मच्छरदानी का प्रयोग करने पानी का भरा ना होना और साफ-सफाई का ध्यान देने के लिए कहा जा रहा है। साथ ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी हो रहा है ताकि मच्छरों से राहत मिल सके।
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