हमारा देश 21वीं सदी में चल रहा है लेकिन अंधविश्वास आज भी हावी है। लोगों में कितनी भी शिक्षा और जागरूकता बढ़ जाए लेकिन धार्मिक बढ़ावा और अंधविश्वास के नाम पर लोग इतनी जल्दी दौड़ते हैं मानों कड़ाही में पूड़ी जल रही हो। जबकि अगर किसी अच्छे काम के लिए या किसी विकास कार्य के लिए लोगों को इकट्ठा किया जाए, जागरूक किया जाए तो लोग 10 बार बुलाने से भी इकट्ठे नहीं होते।
ऐसा ही एक मामला बांदा जिले के फतेहगंज में सामने आया। जहां बजरंगबली की आंखों से आंसू बहने का एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में बजरंगबली की मूर्ति से आंसू बहने की चर्चा जैसे ही क्षेत्र में फैली तो उसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई।
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मंदिर के पुजारी व ग्रामीणों की मानें तो बजरंगबली के आंखों से 3 दिनों तक लगतार आंसू निकले है। ऐसा कहा जा रहा है कि मंदिर में या तो किसी स्त्री ने प्रतिमा को छू लिया है या फिर कोई बड़ी आपदा आने वाली है। जिसको लेकर बजरंगबली की मूर्ति में आंखों से आंसू निकले हैं।
लोगों ने यह भी बताया कि लगभग 30 साल पहले भी एक बार इसी तरह एक महिला ने छू लिया था तो बजरंगबली के पूरे शरीर से पसीना निकला था। फिलहाल वायरल हो रहा वीडियो लोगों में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग तरह-तरह की बातें भी कर रहे हैं लेकिन धार्मिक बढ़ावा और अंधविश्वास को नहीं छोड़ रहे हैं। उनके हिसाब से सच में बजरंगबली रोए हैं। इस मामले को लेकर मेरे मन में बहुत सारे सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिरकार हर साल सावन के महीने में ही क्यों कुछ ना कुछ अफवाह होती है। जैसे यहां पर आंसू बहने का मामला सामने आया है और उसमें भी यह कहा जा रहा है कि या तो किसी आपदा का संकेत है, या तो किसी महिला ने छू लिया।
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आखिर क्यों महिलाएं अगर हनुमान जी को छूती हैं तो वह रोने लगते हैं? अरे भाई! उनको भी तो एक महिला ने ही जन्म दिया है और पाल-पोष कर बड़ा किया है तब तो कोई अछूत नहीं दिखी, ना किसी ने ये कहा कि महिला के छूने से बजरंगबली रो रहे हैं, फिर आज महिलाएं अछूत कैसे हो गई?
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