बुंदेलखंड के बांदा जिले के सबसे पिछड़े एरिया नरैनी ब्लाक में ऐसा गांव है जहां पानी की कमी के कारण खेती एक तरह से खत्म होती जा रही है। इतना ही नहीं यहां के नौजवान लोग रोजी-रोटी के लिए महानगरों में पलायन कर काम करते हैं तब जाकर उनके परिवारों का पेट भरता है। हालत ये है कि गांव में गिने-चुने नौजवान बचते होंगे बाकी बुज़ुर्ग, पुरुष,महिलाएं और बच्चे ही रह जाते हैं। कई बार ग्रामीणों ने सांसद और विधायक से नहर और सरकारी ट्यूबवेल की मांग की। वादे भी बड़े-बड़े हुए, लेकिन उन वादों के काम पर आज तक अमल नहीं किया गया। जबकि गांव से 10 से 12 किलो मीटर की दूरी पर नहर है। अगर विधायक सांसद चाहे तो गांव तक नहर आ सकती है और लोग खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं।
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किसान रज्जू कहते हैं कि इस बार भाजपा यहां से जीतने का ख्वाब ना देखें। जब सांसद भैरव प्रसाद थे तब भी उन्होंने सिंचाई की सुविधा की मांग की थी और जब आर. पटेल बने तब भी उन्होंने सिंचाई की सुविधा की मांग की थी। आज भी आर.पटेल सांसद है लेकिन वोटो के बाद से पलट कर गांव नहीं आते की क्या स्थिति है।
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