खबर लहरिया ताजा खबरें बाँदा : भूसा-अनाज की कमी से हो रही सैकड़ों गोवंश की मौतें

बाँदा : भूसा-अनाज की कमी से हो रही सैकड़ों गोवंश की मौतें

बाँदा जिला मे लगभग 300 गौशाला होने के बावजूद, यहाँ आय-दिन अन्ना जानवरों की मौत का मामला सामने आ रहा है । इन गौशालाओं में गोवंश भूसा-अनाज की असुविधाओं की वजह से अपनी जानें गवां रहे हैं। अगस्त के महीने में कई जानवर अव्यवस्थाओं के कारण गौवंशों में मृत अवस्था में पाये गये।

यह भी पता चला हैं कि इन अन्ना जानवरों के शव को या तो गड्ढा खुदवा कर पटवा दिया जाता है या फिर नाले में फ़ेंक दिया जाता है। अगस्त के महीने मे लगभग 100 गोवंशों की मौत हुई थी । उनके साथ भी यही किया गया था ओर यह मामला भी दब गया।

ये भी देखें – टीकमगढ़ : गौशाला में अव्यवस्था के कारण आये दिन अन्ना जानवर हो रहे हैं दुर्घटना का शिकार

गांव में ऐसे कई गौशालें है जैसे अतर्रा का कान्हा गौशाला जिसकी हालत बहुत दयनीय है। इसकी शिकायत प्रशासन में तो कई महीने पहले की गयी थी, लेकिन अब यह मामला ठंडा पड़ चुका है।

सरकार ने गौवंशों के लिए कई योजनाएं तो बनाईं हैं, लेकिन यह सिर्फ कागज़ तक ही सिमित हैं। गौशाला के नाम पर एक-दो गौशाला में अन्ना जानवरों को ठूस-ठूस कर रखा जा रहा है और जो बाहर हैं वह खेतों को नुकसान पंहुचा रहे हैं।

गाँव के किसानों का कहना है कि वह दिन-रात सिर्फ खेतों की निगरानी मे ही गुज़ारतें हैं। जहाँ कोई खेत में निगरानी पर नहीं हुआ तो अन्ना जानवर खेत बर्बाद कर देते हैं। इस कारण से इनकी रोज़ी-रोटी पर काफी असर पड़ रहा है।

ये भी देखें – गौशाला में जानवरों को मिल रहा जीवन या मौत?

नीरज सिंह जो वर्तमान में गौशाला के संचालक बने हैं, उनका कहना हैं कि यह सब वफवाह हैं, हमलोग पूरी कोशिश करते हैं कि इन जानवरों की सुविधा में कोई कमी न हो, बल्कि इस गांव में जितने भी गोशाला हैं उनमें कथित संख्या से ज़्यादा ही गोवंश उपस्थित हैं। इन गोवंशों के इलाज के लिए डॉक्टर्स भी तैनात रहते हैं।

वहीं 2 सितंबर 2022 को परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव एल0 वेंकटेश्वर लू ने नवीन मानसिक मंदित आश्रय ग्रह सह प्रशिक्षण केन्द्र जनपद बांदा एवं कान्हा गौशाला मटौंध का निरीक्षण किया, जिसमें 285 गौवंश संरक्षित पाये गये 12 कर्मचारी कार्यरत थे। और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि शत्-प्रतिशत गौवंशों की ईयर टैगिंग कराना सुनिश्चित करें साथ ही जो बीमार गौवंश हैं उनके लिए डॉक्टरों की टीम लगाकर उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाय । साथ ही साफ सफाई का भी ध्यान रखा जाये।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ इस पी सिंहका कहना है कि जिले मे 47658 निराश्रित गौवंश हैं जिन्हें गौशाला में संरक्षित किया जा रहा हैं।

ये भी देखें – महोबा: जीने नहीं दे रही गौशाला में मर रही गायों की बदबू- ग्रामीण

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our   premium product KL Hatke