बाँदा: नरैनी कोतवाली के अंतर्गत आने वाले पड़मई गांव में 19 फरवरी को भयंकर एक्सीडेंट हुआ था जिसमें एक चलता हुआ ट्रक नाले में घुस गया था और उस ट्रक की टक्कर से एक लड़के की मौके पर ही मौत हो गई थी और 4 लोग घायल हो गए थे। इतना ही नहीं जो वहां पर खोखा रखा था वह भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था और दरवाजे पर बंधी भैंस भी खत्म हो गई थी। उस समय प्रशासन ने मुआवजे को नाम पर बड़े-बड़े वादे किए थे लेकिन अभी तक वो वादे पूरे नहीं हुए हैं और पीड़ित परिवार न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
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आक्रोशित गांव वालों ने हादसे के दूसरे दिन 20 फरवरी को लाश को सड़क पर रखकर जाम लगा लिया। इसके बाद पुलिस फोर्स, एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और वापस से उन्हें मुआवज़ा देने का वादा किया।
उन्होंने 2 बीघे का पट्टा जिस परिवार का लड़का खत्म हुआ था उसको देने के लिए कहा था, लेकिन काफी मशक्कत के बाद सिर्फ एक बीघे का पट्टा मिल पाया है बाकी किसी भी तरह का कोई नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया जिसके चलते पीड़ित परिवार ने अब कोर्ट का सहारा लिया है।
जिस दिन जाम लगाया गया था उस दिन एस.ओ द्वारा ₹8000 पीड़ित परिवार को दिए गए थे लेकिन पेपरों में निकाला गया कि 8 लाख की रकम दी गई है जिसके चलते पीड़ित परिवार के घर में चोरी भी हो गई और चोरी में उसके घर-गृहस्थी का सामान भी चला गया।
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नरैनी कोतवाली एस.ओ अरविंद सिंह गौर का कहना है कि उस समय जो एसडीएम और तहसीलदार थे वो बदल गए हैं। उस समय क्या वादे हुए थे उसकी जानकारी उन्हें नहीं है लेकिन मुकदमा अज्ञात में लिखा गया था, ट्रक नंबर के साथ धाराएं लगाई गई थी और 7 अप्रैल 2023 को चार्ज शीट लग गई है। अब मामला न्यायालय में चल रहा है, अब जो भी होगा न्यायालय से होगा।
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