खबर लहरिया Blog बांदा: 8 महीनों से अधूरा पड़ा नाला, बरसात में बढ़ा देता है परेशानी

बांदा: 8 महीनों से अधूरा पड़ा नाला, बरसात में बढ़ा देता है परेशानी

बरसात में नाला भरने से काम भी रुक जाता है क्योंकि नाले का पानी घरों में भी घुसने लगता है। गांवों के लोग रात भर परेशान रहते हैं। आने जाने वाले को भी सोच समझ के बाहर जाना पड़ता है। नाले को जल्दी से बनवाया जाना चाहिए जिससे पानी की निकासी हो।

                                                                                                                                         नाला खुदाई की तस्वीर

रिपोर्ट- शिव देवी

बारिश का मौसम आने वाला है कुछ लोगों को राहत मिलेगी तो कुछ लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। बारिश होने से कई जगह जल भराव हो जाता है और कई नाले भी भर जाते हैं। नालों का पानी सड़को, गांव में घरों तक पहुंच जाता है। नाले का निर्माण लोगों की सुविधा के लिए किया जाता है लेकिन नाला अधूरा ही छोड़ दिया गया हो तो क्या ऐसा नाला किसी काम का है? नहीं न। ऐसा नाला जो बस लोगों को खुश करने के लिए तैयार किया जा रहा हो और उसे पूरी तरह से बनाया न गया हो लोगों की परेशानी को बढ़ा देता है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के तिंदवारी ब्लॉक के ग्राम पंचायत भवानीपुर में ब्लॉक प्रमुख द्वारा 8 महीना पहले नाला की खुदाई करवाई गई थी लेकिन आज भी वह नाला अधूरा पड़ा हुआ है।

गांव में रहने वाले हीरालाल ने बताया कि “अब बरसात आने वाली है। बरसात का पानी घरों में घुसता है नालियां भर जाती है। हमने कई बार ब्लॉक प्रमुख दीपिका सिंह से शिकायत की लेकिन वो हमेशा की तरह हाँ में बात टाल देते हैं। हम पहले से ही बोलते हैं की बनवा दो ताकि बारिश में हमें दिक्कत न हो।”

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नाले पर लकड़ी का रास्ता

राधा का कहना है कि “नाले को अधूरा छोड़ दिया है जिससे आने-जाने में बहुत परेशानी होती है। हमने किसी तरह से लकड़ी रखकर निकलने के लिए रास्ता बनाया है। इसी रस्ते से होकर छोटे बच्चे भी स्कूल जाते हैं। कई बार उनका पैर फिसल जाता है तो नाले में गिर जाते हैं।

ब्लॉक प्रमुख ने नाला बनवाने का दिया था भरोसा

गांव के लोगों ने बताया कि ब्लॉक प्रमुख 6 जून को गांव आए थे तो उन्होंने एक बैठक की थी। बैठक में जनता से उन्होंने कहा था कि नाला बारिश शुरू होने से पहले तैयार करवा देंगे लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है।

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बरसात में नाला भरने से दिक्क्त दुगनी 

बरसात में नाला भरने से काम भी रुक जाता है क्योंकि नाले का पानी घरों में भी घुसने लगता है। गांवों के लोग रात भर परेशान रहते हैं। आने जाने वाले को भी सोच समझ के बाहर जाना पड़ता है। नाले को जल्दी से बनवाया जाना चाहिए जिससे पानी की निकासी हो।

हर सरकारी काम अधूरा क्यों?

लोगों का कहना है कि सरकार कोई काम करवाती है तो पहले ही सोचना समझना चाहिए। ऐसे महीनों अधूरा छोड़ने से यहां के रहने वाले लोगों को दिक्कत होती है। अगर यह काम ब्लॉक प्रमुख से नहीं हो रहा था तो नाला खुदवाना ही नहीं चाहिए था। पहले नाले को नापना चाहिए था कि कहां से नाले का पानी निकलेगा? इसके बाद ही लोगों के दरवाजे के सामने से नाला निकाल के बनवाना चाहिए था।

बजट हुआ पास फिर भी नाला अधूरा

रोशनी का कहना है कि “नाला बनवाने के लिए बजट पास हो चुका है। नाले में सब मटेरियल (नाले बनाने के लिए जरुरी सामान) पड़ गया है। यह समझ में नहीं आ रहा है कि नाला क्यों नहीं बनवाया जा रहा है? जब नाले में पानी भरेगा तो उलट कर पानी लोगों के घरों में घुसेगा। लोगों की मांग है कि बरसात के पहले नाला बन जाए तभी आराम रहेगा नहीं लोग जूझते रहेंगे।”

 नाला बना गंदगी और मच्छरों का घर

बब्बू का कहना है कि नाले में पानी भरने से बहुत बदबू आती है। नाले में जमे पानी में बहुत सारे मच्छर पैदा हो जाते हैं जिससे लोग बीमार पड़ जाते हैं। बीमार होने से खर्चा भी बढ़ जाता है। ये नाला न बनने से परेशान बढ़ती ही जा रही है।

नाले के काम में बाधा

तिंदवारी ब्लॉक प्रमुख दीपिका सिंह ने बताया कि एक 20 मीटर नाला की खुदाई करवाई थी लेकिन उसमें विवाद हरि किशोर कुशवाहा विवाद कर रहे हैं जिसकी वजह से अब नाला बनने का काम रोक दिया गया है। इसके लिए हमने बैठक भी की लेकिन लोग नहीं सुन रहे हैं लोग जब सहमत होंगे तब नाला बन जाएगा। हरि किशोर कुशवाहा ने कहा कि मैं अपने खेत से नाला नहीं निकलने दूंगा जबकि नाला का काम उन्ही के खेत में हो रहा है।

अगर सरकार लोगों के लिए नाला बनवा रही है तो अधूरा क्यों छोड़ देना? कोई समस्या या विवाद है तो इसका भी समाधान निकालना चाहिए क्योंकि यहां सिर्फ अधूरे नाले की बात नहीं है। अधूरे नाले से पूरा गांव अधूरा महसूस करता है क्योंकि उनके काम में ये नाला ही उनके काम को अधूरा छोड़ने पर मजबूर कर देता है। ये अधूरापन कब तक देखा जाएगा? कब तक पूरा होगा? बारिश में भी न जाने कब गांव वालों को भी खुशी होगी जब अधूरे छोड़े गए काम एक दिन जरूर पूरे होंगे?

 

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