बांदा जिले के तहसील बांदा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत हटेहटी पुरवा, मजरा पथरिया खदान में रहने वाले दस लोगों ने 21 जून को डीएम कार्यालय में ज्ञापन दिया है। उनका आरोप है कि उनकी बस्ती के लगभग 46 कच्चे व पक्के मकान साल 2020 दिसंबर के महीने में गिरा दिए गए थे। उसी समय से वह दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन अभी तक उनको न्याय नहीं मिल पाया है।
डीएम द्वारा उनको आश्वासन दिया गया था कि उनके आवासीय पट्टे कहीं दूसरी जगह कर दिए जाएंगे। लेकिन अभी तक उसका भी कुछ नहीं हुआ है। लोगों का कहना है कि बांदा का कोई भी अधिकारी नहीं बचा होगा जिससे उन्होंने गुहार नहीं लगाई हो। लेकिन उन गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है। मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से वह अपना परिवार पालते हैं। जिस दिन से घर गिरा दिए गए हैं उस दिन से झोपड़पट्टी में उनका परिवार बिलख रहा है। खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हो पा रही। वह लोग मजदूरी करने वाले लोग हैं। लेकिन मजदूरी के लिए भी नहीं जा पाते क्योंकि जब भी वह चले जाते हैं तो प्रशासनिक लोग आकर उनको डराते धमकाते है।
वह चाहते हैं कि उनको न्याय मिले। उनके जो मकान गिराए गए हैं उनके बदले में उन्हें कहीं रहने के लिए जगह दी जाए। उनका कहना है वह 25 साल से वहां रह रहे हैं। अब उनके घर गिराए गए हैं जिससे उनका लगभग दस लाख का नुकसान हुआ है।
जब हमने इस मामले में बांदा के डीएम आनंद कुमार से बात करनी चाही तो उनका कहना था कि लोगों से ही पूछ लीजिए। वह इस मामले में कुछ नहीं जानते। बहुत पुराना मामला है। वह बात करने से इंकार करते हुए चले जाते हैं।
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