बाँदा: राशन किट के लिए भूखे प्यासे भटक रहे मजदूर :जिला बांदा| कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों की वापसी पर उनके स्वागत के लिए सरकार की तरफ से विलकम किट दी जा रही है| जिसमें लगभग एक हजार रुपये का खाद्य समाग्री का सामान है| लेकिन इस राशन किट को लेकर बहुत से प्रवासी मजदूर परेशान है और तहसील के चक्कर काट रहे हैं| मजदूरों का कहना है कि उनकी दो-दो तीन-तीन बार जाते हो चुकी है जहां से आए थे वहां भी जाते हुए हैं और यहां भी आकर जांचे हुई हैं| उनको बताया गया था कि उन्हें क्वॉरेंटाइन पूरा होने पर किस भी दी जाएगी साथ ही उन्होंने यह भी सुना था कि इसके साथ कुछ पैसा भी मिलेगा लेकिन पैसे का तो अभी तक कोई पता नहीं चला पर किस तहसील में मिल रही है तो उसमें भी बहुत ज्यादा धांधली चल रही है| जो मजदूर पहले के आए हुए हैं एक 1 महीने बीत गए उनको अभी तक कितने नहीं मिली जबकि जो मजदूर अभी आ रहे हैं उनको 2 दिन बाद तुरंत केटे दी जा रही हैं साथी लेखपालों द्वारा उन्हें फोन करके बुला लिया जाता है और जब वह तहसील आते हैं तो यहां चक्कर लगाते रहते हैं और किराया भाड़ा भी उनका खर्च होता है| यह किधर प्रवासी मजदूर को मिलनी थी लेकिन बहुत से मजदूरों को यह कहकर टाल दिया जा रहा है कि वह पैदा लाए हैं और उनके पास प्रूफ नहीं है जो ट्रेनों और बसों से आए हैं उनको ही मिल रहा है| मौत से मजदूरों का कहना है कि उनके पास पूरे कागज हैं टिकट है इसके बावजूद भी नहीं मिल रहा अगर उनको किट नहीं दी जानी है तो फिर क्यों परेशान किया गया है और कहा गया था कि मिलेंगी यह सरकार ने मजदूरों के राहत के लिए दिया है अगर मिल जाता तो कुछ दिन के लिए राहत होता क्योंकि वहां भी वह लोग फंसे थे तो भूखों मर रहे थे और यहां भी आने के बाद तुरंत उनको रोजगार नहीं मिल रहा जिससे वह अपना खर्च चला सके इसलिए वह चाहते हैं कि उनको किट जल्द से जल्द मिल जाए| लेकिन फिर भी उनको नहीं मिल पा रही और वह चार चार दिन तहसील के चक्कर काट रहे हैं|