बुन्देलखण्ड का किसान वैसे भी दस साल से सूखा और दैवीय आपदाओं से परेशान कर्ज के बोझ तले दबा है| उसका घर का खर्च चलाना ही मुश्किल पड़ जा रहा है खेती में कुछ पैदावार नहीं होती ऐसे में उनके लिए कर्ज चुकाना बहुत मुश्किल है| 10 जून को बांदा जिले के बडोखर ब्लाक के किसानों निलामी होनी थी| जिसके बिरोध में किसान एकजुट हुए लेकिन अधिकारी नदारद रहे| जिससे साफ पता चलता है की किसानों को भड़काकर कर्ज भरने की ये साजिश है जिससे लोग जल्द से जल्द कर्ज चुका दे| लेकिन जब हमारे पास पैसे नहीं हैं तो हम कहाँ से कर्ज चुकायेंगे|