बाँदा: लॉकडाउन से पर्यावरण की बदली सूरत, सुनिए सुरेंद्र मस्ताना और साथियों का गीत :जिला बांदा| कोरोना वायरस जैसी महामारी का रुप ले चुकी बीमारी को देखते हुए जहां पुरा देश लॉक डाउन किया गया है| जिससे लोगों को इस बीमारी से बचाया जा सके| वहीं अब सुरेंद्र मस्ताना जैसे गायको ने भी इस बीमारी के तहत लोगों को जन जन जागरुक कर बीगरी को भगाने और इसे अर्थव्यावस्था पर्यावरत के प्रभाव और असर पर खुब गाने भी बना लिया है और वह उसके जरिए समाज में जागरुकता का संदेश देना चाहते हैं तो आइए आप भी मिलिए कोरोना वायलस,अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर गाना बनाने वाले कुछ गायकों से नरैनी कस्बे के मोहल्ला किदवई नगर में रहने वाले सुरेन्द्र कुमार मस्ताना और उनके दोस्त से जो एक बहुत ही पुराने गायक कलाकार हैं और हमेशा अपने गीतों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाते रहते हैं ऐसा ही एक उदाहरण उन्होंने इस वायरस बीमारी महामारी और लॉक डाउन हुए अर्थव्यिस्था प्रभावित और पर्यावरण पर गीत बनाया है उनका कहना है कि यह गीत उन्होंने लगभग 5 दिन पहले बनाया था गीत बनाने के पीछे उनका उद्देश्य था कि जिस तरह से सरकार लोगों को जागरूक कर रही है और इस बीमारी से बचने के लिए लड़ाई में जुटी हुई है तो उनका भी संदेश ऐसा ही जाए ताकि लोग इस बीमारी से बचने के लिए अलर्ट रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें| साथ ही इसे जो पर्यावरण पर असर हुआ है वह एक अच्छी बात है पर अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है| इसके बाद भी इस लडाई में विजय पाने के लिए सरकार के साथ हर कोई पुरी तरह से जुटा है|