जिला बांदा वनागना संस्था के तहत आज 16 दिसंबर को एक दिवसीय शिक्षा साक्षरता मेले का अयोजन किया गया जिसमें अलग अलग संस्था और कसतुरबा सेंटर में पढने वाली लडकियाँ ने भाग लिया और खुशी जताई| इस शिक्षा साक्षरता मेले सैकड़ों लडकियाँ शामिल है|
उनका कहना की जब से वनागना के तहत सेंटर उनके गांव में खुले और स्कूलों में भी जा कर प्रशिक्षण देने लगी तो पता चला कि स्कूल और इस सेंटर की पढाई क्या अंतर है और किस तरह की अच्छी अच्छी चीजें सीखने को मिलती है वह यहाँ अकर बहुत ही खुश है और उनका कहना है की जो सोचती नहीं थी वह सपने पुरे हो रहे है बांदा के मिलन घर में शिक्षक साक्षरता का मेला लगाया गया है जिसमे कई संस्था के लोग शामिल हुए है
इस बार के विशाल कालिंजर मेला ,जिस पर मंडरा रहा खतरा अब टल चुका है | Kalinjer Mela
उसके साथ सेंटर में पढ़ने वाली लड़किया और करस्तूरबा में पढ़ने वाली लड़किया भी आई हुई है सबहि लड़किया का कहना है की वनांगना के सेंट्रो के साथ , साथ पढ़ाई और खेल कूद के साथ साथ बहुत कुछ सीखा है जो कभी सोच भी नहीं सकते थे इस लिए बहुत खुश है ये अलग अलग जगह से लोग आये है जैसे बरेली लखनऊ फैजाबाद अलग, अलग संस्थाए जो शिक्षा पर काम करती है वो आये है अब इनके जो यहाँ पर दुकाने लगी है वो अलग , अलग मुद्दों पर है यहाँ पर एक इस्टॉल है एक मिनट का गेम इसमें हम जेंडर की बात करते है की क्या हमेशा रोटी बनना लड़की ही कर सकती है
क्या वो पलक नहीं जोड़ सकती है क्या कील नहीं ठोक सकती इस तरह की टेक्निकल कमा नहीं कर सकती इस तरह की जेंडर की बातो को हम उठाना चहेते है दूसरा हमारे अधिकार जैसे हम क्यों सुंदरता के चीजों पर ध्यान देते है वो चीजे हम धयान क्यों नहीं देते की मेरे पास घर होना चाइये मेरे पास गाडी होना चाहिये मेरे नाम प्रॉपर्टी होना चाहिए मुझे भी प्यार करने का हक है