खबर लहरिया Blog बाँदा : ‘जब दलित बस्ती से वोट नहीं मिला तो विकास नहीं कराएंगे ‘- प्रधान

बाँदा : ‘जब दलित बस्ती से वोट नहीं मिला तो विकास नहीं कराएंगे ‘- प्रधान

लोग सड़क पर भरे पानी से परेशान हैं। रास्ता नाली बन चुका है। प्रधान को कहतें हैं तो सीधा जवाब आता है, जब वोट नहीं दिया तो विकास क्यों करूँ।

एक तरफ ठिठुरन भरी ठंड दूसरी तरफ घर के सामने भरा पानी। इससे लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। यह मामला है बाँदा जिले के वासिलपुर दलित बस्ती का। यहां की निवासी पुष्पा देवी बताती हैं कि उनके गाँव में नाली न बनने के कारण गाँव में जलभराव की समस्या बनीं हुई है। कई बार शिकायत की लेकिन प्रधान कहता है कि तुम्हारी बस्ती के लोगों ने हमें वोट नहीं दिया है। ऐसे में ग्रामीणों के सामने यह समस्या आ खड़ी है कि आखिर वह करें तो क्या करें?

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बर्फीले पानी से निकलना हो रहा मुश्किल

रानी देवी बताती हैं कि घुटने तक पानी भरा हुआ है। गर्मी में तो किसी तरह पार हो जाता है लेकिन ठण्ड में इस पानी के बीच से कैसे रास्ता पार करें? पानी एकदम बर्फ बन गया है। जो भी इस पानी से निकलते हैं उनके पैर ठिठुर जाते हैं। वह चाहती हैं कि उनके मोहल्ले में नाली का निर्माण हो ताकि उन्हें इस समस्या से राहत मिले।

इसी तरह देव रतिया का कहना है कि मेरे दरवाजे से लेकर गजराज के दरवाजे (अन्य ग्रामीण) तक पानी का भराव बराबर बना रहता है। लोग इस पानी से निकलकर बीमार पड़ रहे हैं।

पानी की दुर्गन्ध से फ़ैल रही बीमारी

संतोष गाँव के प्रधान के रवैये से नाख़ुश हैं। वह काफी गुस्से में थे। उनका कहना था कि प्रधान गाँव के लोगों से जिस तरह बात करता है, ऐसा लगता है कि उन्हें इस मोहल्ले से वोट नहीं मिला है। प्रधान का ऐसा जवाब सही नहीं है। इतनी समस्या हो रही है लोगों को। लोग दरवाजे के सामने से निकलते हैं तो लोग गालियां देते हैं और लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। हम लोग यह सब कुछ नहीं चाहते हैं कि एक दूसरे से मोहल्ले में लड़ाई की जाए। अगर सरकार सुविधा दे रही है तो यह सुविधा प्रधान द्वारा कराना चाहिए। बरसात के समय किसी तरह से लोग निकल जाते हैं फिर भी 24 घंटे उसी पानी से निकलना, गंदगी, बदबू देता है। लोगों को खुजली हो जाती है। जब तक इस गाँव में टिल्लू मोटर से पानी न निकालो, पानी भरा ही रहेगा। इसे प्रधान को सही कराना चाहिए।

क्या कहतें हैं प्रधान?

गाँव के प्रधान राजकुमार से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने साफ़ कह दिया कि दलित मोहल्ले से उन्हें वोट नहीं मिला है इसलिए वह विकास नहीं करा पाएंगे। सोचने की बात है कि जिस गाँव का मुखिया इस तरह से दुर्व्यवहार वाली बातें करता है वहां की जनता का क्या होगा? वहां विकास किस प्रकार हो सकता है?

इस खबर की रिपोर्टिंग शिवदेवी द्वारा की गयी है।

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