बाँदा: पानी की तरह बह गया बजट, लेकिन ग्रामीणों को नहीं मिला पानी :जिला बांदा| जहां एक तरफ लोग लाख डाउन और क्रोना बीमारी के संक्रमण से परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ गर्मी के बढ़ते पानी की हाहाकारी भी मची हुई है| ऐसे ही गांव हैं बरुआ स्योढा और गोपरा इन दोनों गांव के लोग पानी की समस्या से जुझ रहे हैं| महुआ ब्लॉक के गांव बरुआ स्योढा के लोगों का कहना है कि उनके यहां लगभग ढाई सौ परिवारों के बीच एक हैंडपंप और एक कुआं है वह भी गर्मी आते ही पर्याप्त पानी नहीं दे पाते जिससे वहां के लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है अभी इतनी ज्यादा गर्मी नहीं पड़ रही है फिर भी वह 5:00 बजे से उठकर पानी के लिए नंबर लगाते हैं और इस नंबर के बीच लड़ाई झगड़े भी हो जाते हैं लेकिन क्या करें पानी की इतनी किल्लत है कि सब सही कर उनको करना पड़ता है और खासकर पानी की दिक्कत महिलाओं को होती है क्योंकि बिना पानी कोई भी काम संभव नहीं होता खाना बनाने नहाने कपड़े धुलने से लेकर जानवरों तक के लिए पूरे दिन पानी का ही खर्च होता है| इस समस्या को लेकर उन्होंने ग्राम प्रधान और विधायक से भी शिकायत की कि उनके यहां एक हैंडपंप लगवाया जाए और सप्लाई वाली टंकी का पानी भी चालू कराया जाए ताकि उनको भी पर्याप्त पानी मिल सके लेकिन आश्वासन के अलावा कोई भी कार्यवाही नहीं हुई| इसी तरह नरैनी ब्लाक के गोपरा गांव के राम प्रकाश और विनीता ने बताया कि उनके यहां भी पानी की बहुत ही मारामारी है लगभग 5 हैंडपंप है जो खराब पड़े हुए हैं जिससे पानी के लिए उन्हें इस मोहल्ले से उस मुहल्ले भटकना पड़ता है और पूरा दिन महिलाओं को पानी की किल्लत उठानी पड़ती है उन्होंने कई बार सचिव से इस मामले को लेकर बात भी की लेकिन उनको कोई भी आश्वासन नहीं मिलता और यह बोल दिया जाता है कि नदी पास में है| इसलिए लोग पानी की समस्या से बहुत ही जूझ रहे हैं| बरुआ स्योढा ग्राम प्रधान परमानंद गोस्वामी का कहना है कि उनके ग्राम पंचायत में 2007 में पेयजल योजना के तहत पानी की टंकी बनी थी जो पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी और उनके यहां आज भी पानी की बहुत ही जटिल समस्या है जब वह प्रधान बने तो उन्होंने इस समस्या को दूर करने के लिए बहुत ही अच्छी मुहिम अपनाई और इसके लिए बराबर भागदौड़ की काफी पैसा भी खर्च हुआ बड़ी मुश्किल के बाद आधे गांव में पानी पहुंच पाया है लेकिन अभी भी 70 परसेंट लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं जिसके लिए वह बराबर प्रयास कर रहे हैं| मिला पानी