खबर लहरिया Blog बाँदा- विषैला चारा खाने से 15 गायों की हुई मौत

बाँदा- विषैला चारा खाने से 15 गायों की हुई मौत

बाँदा- विषैला चारा खाने से 15 गायों की हुई गोवंश

बाँदा- विषैला चारा खाने से 15 गायों की हुई मौत

बांदाः जनपद के बिसंडा कस्बे में 6 जून को दोपहर में एक खेत में 15 गाय और गोवंश की मौत का मामला सामने आया। जहां पशु विभाग के चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है जिसमें पाया गया है कि गोवंश की मौत विषैला चारा खाने की वजह से हुई वहीं मंडलायुक्त गौरव दयाल ने उच्चस्तरीय जांच के बाद कार्यवाही कराने की बात कही है।एक साथ इतनी गायों की मौत की खबर से सभी हैरान हैं। बताया जा रहा है कि इन गायों की मौत जहरीला चारा खाने की वजह से हुई। प्रशासन ने गायों को जमीन में दफन करवा दिया है।

नाम पता छुपाने की शर्त पर कई लोगों ने बताया कि बिसंडा कस्बे के शंकर सिंह परिहार के खेत में हरा चारा (ज्वार) बोया है। वहीं मरी हुई गाय मृत अवस्था में देखी गईं। जबकि उस खेत में चारो तरफ कटीली तार से बाउंडेशन भी है फिर भी हरा चारा खाने की लालच में गायें खेत मे घुस गईं। ये भी बताया जा रहा है कि गर्मी के बाद अचानक बारिश होने से चरी विषाक्त हो गई थी जिसको खाते ही सभी गायों की तबीयत बिगड़ गई और तड़पते हुए इधर-उधर भागने लगे। खेत के चारों तरफ कंटीले तारों से टकराकर कई जख्मी भी हो गए। कुछ देर बाद 15 गोवंश की मौत हो गई। सूचना मिलते ही डीएम व एसपी डॉक्टरों की टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. धीर के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। डॉ. धीर ने बताया कि अत्यधिक तापमान के कारण हरी चरी विषाक्त हो गई थी, जिसके खाने के बाद गोवंशों की मौत हो गई। उन्होंने ये भी बताया की जिन गोवंशों ने कम चरी खाई, उनकी जान बच गई है। मंडलायमुक्त गौरव दयाल ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी पाए जाने पर कार्यवाई की बात कही है।

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इस मामले को लेकर बुंदेलखंड इंसाफ सेना के अध्यक्ष ए एस नोमानी ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है कि इस मामले में सख्त कार्यवाही हो। अभी तक कोई भी राजनीतिक पार्टियां सामने नहीं आई है।

गायों की मौत कैसे हुई ये तो जांच का विषय है। जांच कैसे होती हैं इससे भी सब वाकिब हैं। चाहे जो भी हो लेकिन सच्चाई इस बात की है कि राजनीति की शिकार गायों की दुर्दशा वह भी बुंदेलखंड में किसी से छिपी नहीं है। कभी करेंट से मरती हैं तो कभी एक्सीडेंट से। गौशाला के अंदर भूख प्यास और ठंड से तो कभी विषैला चारा खाकर। अपने को गौभक्त बताने वाले, सोशल मीडिया में गाय के साथ फोटो शेयर करने वाले लोगों ने कभी गायों की दुर्दशा पर क्यों नहीं बोलते? ऐसा माना जाता है गाय के ऊपर हाथ चलाने भर से पाप का भागीदार हो जाता है इंसान, तो फिर ये क्या है? ये किसी और तरह का पुण्य है, ये पाप की श्रेणी में नहीं आता। ये भी समझ में आ रहा है कि अब राजनीति के लिए गाय की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 

-मीरा देवी, ब्यूरो चीफ