खबर लहरिया Blog Bahraich violence: बहराइच हिंसा में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर-कार्रवाई पर रोक, इलाहबाद उच्च न्यायलय ने दी 15 दिन की मोहलत 

Bahraich violence: बहराइच हिंसा में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर-कार्रवाई पर रोक, इलाहबाद उच्च न्यायलय ने दी 15 दिन की मोहलत 

यूपी के बहराइच में कथित रूप से महाराजगंज इलाके में सांप्रादियक हिंसा को लेकर 13 अक्टूबर को 22 वर्षीय गोपाल मिश्रा को गोली लगने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। जिसके बाद काफी आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के आवास व दुकान पर पीडब्ल्यूडी ने बुलडोजर चलाने का नोटिस जारी किया गया था। इनमें 20 घर मुसलमानों के थे। इस नोटिस को घरों के बाहर 18 अक्टूबर 2024 की रात को चिपकाया गया था।

Ban on bulldozer action on the houses of accused in Bahraich violence,Allahabad High Court gave 15 days time.

 बहराइच में 13 अक्टूबर  को हुए कथित साम्प्रदायिक हिंसा में जलाए गए वाहनों की तस्वीर (फोटो साभार – ANI)

बहराइच हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) नोटिस जारी कर आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्यवाही का आदेश दिया था। इलहाबाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बैंच ने कल 20 अक्टूबर 2024 को इस आदेश पर रोक लगा लगा दी। इसके साथ ही कथित आरोपियों को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है, जिसकी अलगी सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी। इसी बीच हिंसा की घटना से कथित रूप से जुड़े तीन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर कार्यवाही को रोकने के लिए याचिका दायर की है।

यूपी के बहराइच में कथित रूप से महाराजगंज इलाके में सांप्रादियक हिंसा को लेकर 13 अक्टूबर को 22 वर्षीय गोपाल मिश्रा को गोली लगने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। जिसके बाद काफी आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के आवास व दुकान पर पीडब्ल्यूडी ने बुलडोजर चलाने का नोटिस जारी किया गया था। इनमें 20 घर मुसलमानों के थे। इस नोटिस को घरों के बाहर 18 अक्टूबर 2024 की रात को चिपकाया गया था।

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बुलडोजर कार्यवाही पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

इस मामले में कथित तीन आरोपियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका दायर करते हुए अधिवक्ता मृगांक प्रभाकर ने सर्वोच्च न्यायालय से 17 अक्टूबर, 2024 के उन ध्वस्तीकरण नोटिसों को रद्द करने की मांग की।

लोगों में दहशत

इस फैसले से लोगों में डर है जिसकी वजह से महाराजगंज इलाके में दुकानदारों ने दुकानों को खाली कर दिया तो वहीँ कुछ लोग खुद से दुकानों को तोड़ते नजर आए।

अवैध निर्माण बताया कारण

पीडब्ल्यूडी ने शुक्रवार 18 अक्टूबर को महाराजगंज इलाके का निरीक्षण किया और 20-25 घरों को शामिल किया। चिपकाए गए नोटिस में पीडब्ल्यूडी ने कहा कि निर्माण अवैध था। यह सड़क के केंद्रीय बिंदु से 60 फीट के भीतर बनाया गया था, जिसकी अनुमति नहीं है। नोटिस में हमीद से कहा गया है कि उसके पास तीन दिन का समय है यदि वह खाली नहीं करते हैं तो उनकी सम्पति को गिरा दिया जायेगा और इस कार्रवाई पर होने वाला खर्च राजस्व के माध्यम से आपसे वसूला जाएगा।”

बुलडोजर चलाने के इस आदेश को जिला मजिस्ट्रेट मोनिका रानी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि महराजगंज में सड़कों को चौड़ा करने के लिए अतिक्रमण हटाया जा रहा है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार 18 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश पुलिस ने दंगे में शामिल 87 लोगों को गिरफ्तार किया और कम से कम 11 पर एफआईआर दर्ज करने के बाद 1,000 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

इस मामले में सर्किल ऑफिसर रूपेंद्र गौड़, तहसीलदार रविकांत द्विवेदी और जिला सूचना अधिकारी गुलाम वारिस सिद्दीकी को उनके पदों से हटाया गया इसके साथ ही एक स्टेशन हाउस ऑफिसर और एक पुलिस चौकी इंचार्ज को भी निलंबित कर दिया गया था।

 

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