पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बजरंग दल के पदाधिकारी अमित कुमार ने नगर निगम के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि हरिद्वार में गैर-हिंदू इस तरह से कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सकते।
कथित तौर पर विविधता के नाम से जाने वाले भारत में विविध त्योहार, धर्म, लोग व मनाये जाने वाले जश्नों में अब प्रेम से ज़्यादा, हिंसा दिखाई देती है। इसके अलावा अगर कुछ दिखता है तो एकाधिकार! एक धर्म का! एक पर्व का! एक तरह की मान्यता और विचारधारा का!
जिस विवधता पर गौरवांवित होकर आज तक इतराया जाता रहा है, देश के अंदर उसे ही दबाए जाने के कार्य किये जाते रहे हैं। मार्च रमज़ान का महीना है, जो मुस्लिम समुदाय में एक पाक महीना माना जाता है। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा एक महीने तक रोज़ा रखा जाता है और शाम को इफ़्तार खाकर रोज़ा तोडा जाता है। शनिवार, 9 मार्च को ख़बर आई कि हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में बजरंग दल के लोग घुसकर हंगामा करने लगे। उनका विरोध था कि मुस्लिम छात्रों ने कॉलेज परिसर के अंदर इफ़्तार पार्टी का आयोजन किया है।
यह विरोध एक बार फिर देश में फैलाए जाने वाले एकता के प्रचार को खंडित कर रहा था जो यह कहता आया है कि देश में होली, दीवाली, ईद इत्यादि त्योहार साथ मनाये जाते हैं। किसी के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होता। देश के संविधान में सभी नागरिक समान है और सबकी आस्था का सम्मान किया जाता है!
लेकिन आज का भारत विविधता व प्रेम में जीने से ज़्यादा एकाधिकार की संस्कृति व मान्यता में जी रहा है।
पीटीआई समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बजरंग दल का आरोप था कि इफ़्तार का आयोजन एक साजिश का हिस्सा था, जिसका मुख्य उद्देश्य कॉलेज में बाहरी लोगों को लाना था। उनका कहना था कि हरिद्वार एक ‘हिन्दू धार्मिक शहर’ है। पुलिस ने हंगामा मचाते बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को शांत किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने धमकी भी दी कि अगर तीन दिन के अंदर कार्यवाही नहीं होती वह उग्र आंदोलन करेंगे और धमकी देने के बाद ये कथित धर्म के बचावकर्ता वहां चले गए।
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कथित धर्म के बचावकर्ता और…..
प्रदर्शन उस रिपोर्ट के बाद हुआ जिसमें यह कहा गया था कि कुछ मुस्लिम छात्रों ने कॉलेज परिसर में पिछले दिन इफ़्तार पार्टी का आयोजन किया था।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बजरंग दल के पदाधिकारी अमित कुमार ने नगर निगम के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि हरिद्वार में गैर-हिंदू इस तरह से कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सकते।
आगे कहा, “धार्मिक शहर में इस्लामिक जिहाद के तहत एक साजिश रची जा रही है। अगर प्रबंधन तीन दिनों के अंदर दोषी छात्रों को कॉलेज से नहीं निकालता, तो बजरंग दल को विरोध बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ेगा।”
ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के निदेशक डीसी सिंह ने समाचार एजेंसी को बताया कि उन्हें कॉलेज परिसर में बिना प्रशासनिक अनुमति के पार्टी आयोजित करने की शिकायत मिली थी।
इस मामले में जानकारी की कमी के साथ कई सवाल है। जैसे – अगर इफ़्तार पार्टी का आयोजन एक कमरे में हो रहा था या बड़े स्तर पर जहां इज़ाज़त लेने की ज़रूरत है? दूसरा यह कि कोई भी स्थान किसी का पूरा नहीं होता, किसी धर्म का कह देने भर से नहीं होता, राज्य, धर्म नहीं होता….
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