चित्रकूट ज़िले के ब्लाक मऊ के गाँव कोलमजरा में रहने वाले बहेलिया समुदाय के लोग वैसे तो गाँव के बाहर शहरों में रोज़गार के कारण रहते हैं, लेकिन जब भी कोई चुनाव आता है तब वो लोग वोट देने गाँव वापस आ जाते हैं। बता दें कि बहेलिया समुदाय के करीब 350 लोगों के नाम यहाँ की वोटरलिस्ट में शामिल हैं और हर साल की तरह इस बार पंचायत चुनाव में वोट डालने के लिए ज़्यादातर लोग गाँव वापस आ गए हैं।
यह लोग यहाँ से जड़ीबूटियां तोड़ कर बाहर ले जाते हैं और शहरों में उसी को बेच कर अपना गुज़ारा करते हैं। इन लोगों का कहना है कि इस गाँव में न ही कोई रोज़गार है और न ही प्रधान के द्वारा किसी प्रकार का विकास हुआ है। न ही इन लोगों के पास रहने के लिए छत है, न ही पीने के पानी की सुविधा।
इन लोगों की मानें तो जब जब चुनाव आता है, प्रत्याशी वोट मांगने आ जाते हैं और बड़े-बड़े वाडे करते हैं, फिर जब ये लोग वोट देकर किसी को जिता देते हैं, तो प्रधान सारे वाडे भूल जाते हैं। इन लोगों का कहना है कि यह हज़ारों रूपए खर्च कर के दिल्ली, महाराष्ट्र, हैदराबाद जैसी जगहों से सिर्फ वोट डालने आये हैं, और इन्हें अपने प्रधान से उम्मीद है कि इस बार कम से कम कुछ तो विकास होगा।
कोलमजरा के ग्राम पंचायत अधिकारी कमलेश कुमार का कहना है कि बहेलिया समुदाय के लोगों के लिए हर ज़रूरी विकास कराया जा रहा है लेकिन वो लोग गाँव में रहते नहीं हैं सिर्फ चुनाव के समय आते हैं, जिसके कारण यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि उन्हें किस सहायता की ज़रुरत है। ग्राम पंचायत के एडीओ सन्तोष कुमार का कहना है की बहेलिया समुदाय के लोगों के लिए इस बार विकास किया जाएगा और उनका सर्वे करवाकर उन्हें योजनाओं का लाभ भी दिलवाया जाएगा।