खबर लहरिया आओ थोड़ा फिल्मी हो जाए चाय की चुस्कियों के साथ बागबान देखें? | देखिए आओ थोड़ा फिल्मी हो जाएं

चाय की चुस्कियों के साथ बागबान देखें? | देखिए आओ थोड़ा फिल्मी हो जाएं

हैल्लो दोस्तों कैसे हैं आप सब. अब सर्दियाँ शुरू हो चुकी है और अलाव के सामने बैठ कर आप चाय पकौड़े का आनंद ले रहे होंगे। तो एक बार मैं हाजिर हूँ कुछ फ़िल्मी गपशप लेकर तो चलिए थोड़ा फ़िल्मी हो जाते हैं। दोस्तों आपको बागवान याद है वैसे मैं पूछ क्यों रही हूँ 2003 में आई ये फिल्म आज भी लोग पुरे दिल से देखते है. और राज यानी अमिताभ बच्चन और पुजा यानी मल्होत्रा हेमा मालिनी के बेहतरीन अदाकारी में खो जाते हैं |

वैसे जिन्होंने ये फिल्म नहीं देखि है उनकी जानकारी के लिए थोड़ा बता दूँ कि राज और पूजा एक दूसरे से और अपने बच्चों से बहुत प्यार करते रहते हैं। जब राज नौकरी से रिटायर होता है तो अपने परिवार अपने बच्चो के साथ रहना चाहता है लेकिन उनके बच्चे ज़िम्मेदारी से भागने के चक्कर में यह कह देते हैं की वह दोनों कुछ कुछ महीने अलग अलग एक एक बच्चे के घर में रहें।

राज और पुजा अपने बच्चों के लिए अलग अलग हो जाते हैं। इन दिनों में राज अपने दोस्त हेमंत यानी परेश रावल की मदद से अपनी किताब लिखता है। जब राज और पुजा मिल जाते हैं तो उसके बाद उनकी मुलाक़ात आलोक यानी सलमान खान से होती है। जिसे उन दोनों ने बचपन में गोद लिया था। अब आगे क्या हुआ ये आप फिल्म देख कर पता जगाइए क्योंकि पूरी कहानी जानने के बाद फिल्म देखने का मज़ा किड़किडा हो जाता है. तो ये फिल्म आपको यूट्यूब पर आपको आसानी से मिल जायेगी जहाँ आप इसे देख सकते हैं |

अब आते हैं इस फिल्म के दिलचस्प किस्से पर तो आपको बतादूँ कि जिस राज को देख एक आदर्श पिता की छवी आपके जेहन में उभरती है वो रोल पहले दिलीप कुमार को ऑफर हुई थी। दिलीप साहब उन दिनों 45 साल के थे। उन्होंने ये कहकर मना कर दिया कि अभी मैं हीरो के रोल कर रहा हूं तो पिता का रोल क्यों करूं। कुछ सालों बाद ये फिल्म अमिताभ बच्चन को ऑफर हुई, उन दिनों अमिताभ भी 45-50 के आसपास थे। उनकी हीरो वाली फिल्में सुपरहीट जा रही थी।

उन्होंने भी इस फिल्म को रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद ये फिल्म अनिल कपूर को ऑफर हुई तो उन्होंने भी कुछ ऐसा ही जवाब दिया। फिर जब अमिताभ का बुरा दौरा आया, वे केबीसी से जुड़े, उन्हें फिर से फिल्म ऑफर हुई तो उन्होंने कहा कि अब मैं इस उम्र के रोल कर सकता हूं। वैसे ही बागबान फिल्म में अमिताभ बच्चन वाली क्लाइमैक्स स्पीच जो लोगों को बहुत पसंद आई, उसे 36 बार लिखा गया था. फिल्म की स्क्रिप्ट राइटर अचला ने एक इंटरव्यू बताया था कि मुझसे अमिताभ जी ने कहा कि हम राइटर्स हैं, शब्दों से खेलते हैं।

और हम ऐक्टर इसलिए बोल पाते हैं क्योंकि हम शब्दों का अर्थ समझ पाते हैं, अगर हम समझेंगे नहीं तो अभिव्यक्ति नहीं कर पाएंगे। आपको बता दें कि फिल्म उस दौर में जबरदस्त हिट हुई थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 41.68 करोड़ रुपए की कमाई की थी. जो आज की तारीख के तकरीबन 115 करोड़ के आसपास है. फिल्म के गाने आज भी सुपरहिट हैं. तो आज के लिए बस इतना ही।

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