जिला वाराणसी थाना मिजामुराद राजातालाव काशी गोट फाँम जी टी रोड। पडाई करने पर नही मेला नौकरी तो दोसाल पहले सुरुकिया बकरी पालन और 40. बकरीओ से लेकिन आज के दोर मे 90. बकरीया है यहा के पुनपाल का कहना है कि पडाई लिखाई तो बहुत किया है लेकिन कोई काम नही तो मेरे मन मे खयाल आया कि किवन बिजनस सुरु करे |
तो मैने बकरी पालन का काम दो साल पहले सुरु किया सी आई आर बी मथुरा से टेनिग लिया लिया और 40.बकरीया से और एक साल के लिये चारा रख लेते है समय समय पर देते और कुछ तो खेतो मे छोड के चराते है चराने से तह फायदा होता है कि अपने मन से जो खाना चाहे वह चर लेती है और इस बकरीओ को समय समय पर दवा चारा पानी का ध्यान रखा जाता है बकरीया एक साल मे तैयार होजाती है लेकिन ग्राहक के आधार पर लेते है जितना पैसा हो सके 5.हजार से बीस हजार तक जाती है |
इस समय तो मेरे पास सिरोही तोतापरी बरबरी जमुनापरी बीटल कोटा सोजत एव खस्ती ब्रीडर बकरे है जब मैने सुरु किया तो एक अपना चैनल बनाया जो की काशी गोट फाँम के नाम से और यूटुब वटसब फेशबुक पर डाला और आलाइन भी किया है तो हमारी बकरी ज्यादा आलाइन मारकेटीग होता है जो कि यह बकरीया अन जिला मे जाती है झारखड बिहार पूवाचल मे करीब करीब कई जिला मे जाती है |
लेकिन हमे देख के और लोगो ने बकरी पालन काम सुरु किया है और हमसे लोग पुछने आते है कि कैसे पाले कब कब चराना और चारा देना तो हम लोगो को बताते हमते है अब तो जो प्रवासी मजदूर आये है इस कोरोना वायरस महामारी मे जो लोग घर आये है वह भी इस काम के लिये आते है पुछने तो बताते है हम तो कहते है कि कोई काम लगन से करेतो आप जरूर आगे बडेगे यही सैच के हम भी इस बकरी पालन सुरु किया लेकिन इस लाकडाउन मे जब से बन्द है तो हम लोगो पर असर पडा है और नुकसान भी हुआ है पहले जैसा नही आरहे है जिस तरह अधिकारी का आदेश होता है माकेटीग पर वयसे हि होता है कई लोग तो कहते है लेकिन हम लोग भी कहते है कि आप लोग अपना खयाल रख के तो आइये अब तो एक हप्ता मे पाच दिन है तो लोग आते है पहले से आज ब्रिकिरी मे गिरावट आया है