सोशल मिडिया के प्लेटफार्म फेसबुक और वॉट्सएप्प में लगभग डेढ महीने पहले ऐक विडियो वायरल हुआ जिसमें यह कहा गया कि एक गिरोह है जो बच्चों को पकड ले जा रहे हैं और उनको काटते हुए दिखाया जा रहा वीडियो में दिल, गुर्दे और आंखे निकाल रहे हैं। ऐक दो दिन बाद यह भी आया कि महिलाए और पुरुष बच्चा चोर हैं जो बच्चे पकड़ रहे हैं। गुस्साई भीड़ उनको पीट रही है और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस इनके ऊपर कार्यवाही कर रही थी। कुछ दिन में ये खबरें बहुत तेजी से वायरल होने लगे।
ऐक दिन सस्था में काम करने वाली मेरी बहन ने बताया कि उनको गांव में यह कहा जा रहा था कि ये बच्चा चोर ही है। तो वही एक बैंक कर्मचारी ने बताया कि वह लोन के काम से गांव गये। हमको देखकर भीड़ घेरने लगी। उनको चोरी छिपे ये बात पता चल गई कि उनको बच्चा चोर होने का शक हो रहा है, इसलिए वहां से भाग लिए। इसी तरह मैं खुद फील्ड गई गिरवां गांव। बस्ती में सब हमें देखकर लोग बच्चा चोर का शक करने लगे। हमने बहूत डीलिंग की तब जाकर उन्हें भरोसा हुआ। लोगों ने बताया यहां इस तरह का दहशत हा कि वह अपने बच्चे स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं। जब मैने उनसे पूँछा कि कोई घटना आपके पास घटित हुई तो कई उदाहरण दिए। जब मैने कहा कि आपने देखा है क्या। उन्होने उस विडियो का हवाला देकर कहा जिसमें काट कर अंग निकाले जा रहे हैं। इससे बहुत डर फैला है। बेगौर आखो के देखे आपने किसे भरोसा कर लिया।
हंम इस पर पुलिस से बात करना चाहा। पुलिस ऑफ़ कैमरे कह रही थी कि सब अफवाह है लेकिन ऑन कैमरा पुलिस भी कुछ नही तो बोली जो इस तरह से क्राइम बढ़ रहा था। बहुत मुश्किल से अधिकारियों ने बाइट दी। अब तक में भीड़ ने जिन लोगों को मारा पीटा ज्यादातर विक्षिप्त लोगों को पकड़कर जेल भेजा।