खबर लहरिया चित्रकूट B.Ed. Vs BTC: बी.एड के छात्र नहीं बन सकेंगे प्राइमरी टीचर – सुप्रीम कोर्ट का फैसला

B.Ed. Vs BTC: बी.एड के छात्र नहीं बन सकेंगे प्राइमरी टीचर – सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला, अब बी.एड वाले नही बन पाएंगे प्राइमरी टीचर। इस मामले पर खबर लहरिया की रिपोर्टर ने शिक्षक दिवस के खास मौके पर अयोध्या, चित्रकूट और वाराणसी के बी.एड के अभ्यर्थी से बातचीत की और उनकी राय जानने की कोशिश की। सारे ही अभ्यार्थी इस बात से काफी न खुश है और वह चाहते है कि उनके लिए सरकार द्वारा वैकेंसी निकाली जाए ताकि उनका भविष्य बर्बाद न हो।

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11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया जिसमे बी.एड अभ्यर्थी अब नहीं बन सकेंगे प्राइमरी टीचर। यह फैसला NCTE की एक रिपोर्ट को राजस्थान कोर्ट द्वारा ख़ारिज किया गया है। NCTE की अधिसूचना में कहा गया था कि B.Ed डिग्री हासिल करने वाले छात्र प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए एलिजिबल होंगे। इसके लिए उन्हें एक ब्रिज कोर्स करना होगा जो कि 6 महीने का होगा। उसके बाद वो प्राइमरी शिक्षक यानी कक्षा 1 से 5 वीं तक के छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षक बन सकेंगे। 11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था जिसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच शामिल हुई थी।

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दरअसल, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ( NCTE) ने 28 जून 2018 में एक नोटिफिकेशन ज़ारी किया था। इस नोटिफिकेशन के अनुसार बी.एड किए हुए छात्र कक्षा 1 से 5 वीं तक पढ़ाने के लिए योग्य होंगे। इसके आधार पर कई छात्रों ने प्राइमरी टीचर भर्ती की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद राजस्थान सरकार ने RTET (Rajasthan Teachers Eligibility Test) का नोटिफिकेशन ज़ारी किया। इस नोटिफिकेशन में बी.एड के छात्रों को प्राइमरी शिक्षक के लिए अयोग्य बताया गया यानी बीएड धारक छात्र PRT की परीक्षा में नहीं बैठ सकते। इन्हीं दो नोटिफिकेशन के बाद से B.Ed और BTC का विवाद शुरू हुआ।

कोर्ट का ये फैसला लगभग तीन करोड़ बी.एड डिग्री धारकों से सीधा जुड़ा हुआ है। इसका खामियाज़ा छात्रों के साथ-साथ उनके परिवार वालों को भी भुगतना पड़ रहा है। इन अभ्यर्थियों के आगे के भविष्य का क्या होगा? क्या यह ऐसे ही कोर्ट के फैसले का इंतज़ार करेंगे या कुछ और करने की सोचेंगे? यह उनके आने वाले समय का सबसे बड़ा सवाल है।

 

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