खबर लहरिया Hindi Ayodhya, Uttar Pradesh: सूर्यकुंड दर्शन नगर की मनमोहक तस्वीर देख, आप का भी घूमने का करेगा दिल

Ayodhya, Uttar Pradesh: सूर्यकुंड दर्शन नगर की मनमोहक तस्वीर देख, आप का भी घूमने का करेगा दिल

सूर्यकुंड में बहुत बड़ा मेला लगता है। मेला सितंबर महीने में बड़े इतवार के दिन लगता है। मेले में लोगों के लिए झूले, प्रदर्शनी, दुकानें, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पूजा अर्चन के लिए जगह बनाई जाती है।

सूर्यकुंड की तस्वीर (फोटो साभार: संगीता)

रिपोर्ट – संगीता, लेखन – सुचित्रा

उत्तर प्रदेश के अयोध्या का राम मंदिर प्रसिद्ध है तो अयोध्या का सूर्यकुंड दर्शन नगर भी बहुत प्रसिद्ध है। लोग जब अयोध्या में राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनक भवन घूमने आते जाते हैं तो सूर्यकुंड दर्शननगर भी देखने आते हैं। इसे मंदिर के तौर पर लोग जानते हैं क्योंकि यहां सूर्य देवता का मंदिर और सुन्दर कलाकृति भी है।

यूपी सरकार ने पिछले साल 17 जनवरी 2024 को इसका फिर से निर्माण कराया गया और इसमें लगभग 14 करोड़ खर्च हुए। इसका उद्देश्य न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी के लिए एक यादगार रूप में जीवित बनाए रखना भी है। चारों ओर हरे-भरे पेड़-पौधे और रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों की सजावट की गई है जिससे यह स्थल और अधिक आकर्षक व शांति प्रदान करने वाला बन गया है। अब लोग यहां आकर स्वच्छ और शुद्ध वातावरण का अनुभव कर सकते हैं।

सूर्यकुंड का दृश्य

सूर्यकुंड को बाहर से देखने पर ही अंदर जाने की इच्छा होने लगती है। इतना सुंदर द्वार और दीवारों पर सोने जैसे गोलकार बनी हुई आकृति सच में आपको आकर्षित करती है। मुख्य द्वार के ऊपर बनी सूर्य देवता की मूर्ति से ही आप अनुमान लगा सकते है कि यह सूर्य देवता से संबंधित जगह है। कैलाश और रामादेवी ने बताया कि भगवान राम के कुलदेवता सूर्य से जुड़ा अयोध्या स्थित पौराणिक सूर्य मंदिर और सूर्य कुंड इन दिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

उन्होंने बताया कि पहले के समय में हम लोग यहां रोज़ स्नान करने और घूमने जाया करते थे। वह पुराना समय था सादगी और श्रद्धा से भरा हुआ लेकिन जैसे-जैसे लोगों के घरों में सुविधाएं बढ़ती गईं वैसे-वैसे यहां आना-जाना कम होता गया।

सूर्यकुंड का समय और टिकट

सूर्यकुंड घूमने के लिए सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है। यहां घूमने का समय सुबह 8:00 से लेकर रात 10:00 बजे तक है। यहां घूमने के लिए टिकट भी बहुत सस्ती है मात्र 10 रुपए।

सूर्यकुंड में पार्किंग की सुविधा

सूर्यकुंड में बाइक, कार और बस के लिए भी पार्किंग की सुविधा दी गई है। वाहनों के अनुसार समय और पैसे दिए गए हैं।

सूर्यकुंड में बाइक पार्किंग

4 घंटे के लिए 20 रुपए
8 घंटे के लिए 30 रुपए
8 घंटे से ज्यादा 50 रुपए
महीने का पास 1000 रुपए

सूर्यकुंड में बस पार्किंग

4 घंटे के लिए 30 रुपए
8 घंटे के लिए 50 रुपए
8 घंटे से ज्यादा 75 रुपए
महीने का पास 1500 रुपए

सूर्यकुंड में कार पार्किंग

4 घंटे के लिए 40 रुपए
8 घंटे के लिए 60 रुपए
8 घंटे से ज्यादा 100 रुपए
महीने का पास 2000 रुपए

सूर्यकुंड में लेजर शो

सूर्यकुंड में शाम 5 बजे के बाद लेजर शो चलता है, इसकी वजह से टिकट 30 रुपए लगता है। इसमें सूर्य कुंड का पौराणिक इतिहास, रामायण की कथाएँ और सूर्य वंश का गौरव प्रदर्शित होता है।

सूर्यकुंड का मेला

सूर्यकुंड में बहुत बड़ा मेला लगता है। मेला सितंबर महीने में बड़े इतवार के दिन लगता है। मेले में लोगों के लिए झूले, प्रदर्शनी, दुकानें, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पूजा अर्चन के लिए जगह बनाई जाती है। अक्टूबर से मार्च तक यात्रा के लिए बहुत भीड़ रहती है। लोग इस मौसम को अच्छा मानते है। मकर संक्रांति (जनवरी) पर यहाँ पर काफी भारी भाड़ देखने को मिलती है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त दूर-दूर से अयोध्या पहुंचते हैं और पवित्र कुंड़ में डुबकी लगाकर मनौती मांगते हैं, माना जाता है कि इससे सभी कष्ट दूर होते हैं, पाप नष्ट होते हैं और स्वास्थ्य लाभ होता है।

सूर्यकुंड का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि सूर्यकुंड का निर्माण अयोध्या के सूर्यवंशी शासकों ने किया था। इस कुंड के साथ ही भगवान सूर्य का एक मंदिर भी है जो सूर्यवंशियों के लिए सूर्य देव की आस्था का प्रतीक माना जाता है। अगर बुजुर्गों की कहानी मानें तो उनके विचार से सूर्य ने राम के राजतिलक के अवसर पर निवास किया था। इस कुंड के जल को गुण सम्पन्न माना जाता है, जो चर्मरोग एवं अन्य बीमारियों के लिए लाभदायक है।

सूर्यकुंड की बदली तस्वीर

यहां पर आए पर्यटकों ने बताया कि दस साल पहले की बात करें तो सूर्यकुंड केवल मंदिर था और वही तालाब के चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई थी। सूर्यकुंड एकदम खुला था लेकिन अब चरों तरफ से बॉउंड्री बना दी गई है और बड़ी ही खूबसूरती से सुंदरीकरण किया गया है।

सूर्यकुंड को देखने पर बहुत शांति और सुकून का एहसास होत है। यहां का पानी देख के तो और है। यह स्थान पर्यटक और दर्शन के नज़रिए से घूमने के लिए बहुत शानदार जगह है।

 

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