अयोध्या! यह नाम पूरे विश्व में “राम के धर्मस्थल’ के नाम से मशहूर है। और हो भी क्यों न, कहते हैं पिछले 500 साल से मंदिर के निर्माण का मामला चल रहा था जो 2024 में पूरा हो गया। ऐसे में मोदी, योगी की तो जय, जयजयकार हो रही है। लेकिन उन लोगों का क्या जिनको उजाड़कर नए अयोध्या का निर्माण किया जा रहा है। विकास की नई बहार अयोध्या के कण-कण में तो बह रही है लेकिन लोगों के दिलों में नहीं……
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पाई-पाई जोड़कर घर बनाने वाले ये ग़रीब और मध्यम वर्गीय लोग इस महंगाई और बेरोज़गारी के समय भी जैसे-तैसे अपना जीवन जी रहे थे लेकिन किसी से उनके सर की छत छीन लेना, ये अन्याय नहीं तो क्या है? क्या एक आम इंसान के लिए इस दर्द को महसूस कर पाना इतना आसान है?
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