राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश उपाख्य भैयाजी जोशी ने अपने तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा कि राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट का बयान हिंदू को अपमानित करने जैसे हैं। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आलोचना नहीं कर रहे हैं। पर हम राम मंदिर के लिए 1992 की तरह आंदोलन करेंगे।
वह आगे कहते हैं कि न्यायालय के अधिकारों पर मैं कुछ नहीं कह रहा हूं। लेकिन, हमारी प्राथमिकताएं कुछ और हैं। जबकि कोर्ट अपने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारी प्राथमिकता कुछ और है। इससे हिन्दू समाज काफी अपमानित हो रहा है। हम इस विवाद का जल्दी समाधान चाहते हैं।
रामलला सदैव हमारे दिल में रहा है। हम लगभग 30 साल से इस आंदोलन को कर रहे हैं, हर कोई चाहता हैं कि राम मंदिर बने। हम सुप्रीम कोर्ट से आशा करते हैं कि इसमें हिन्दुओं की भावनाओं को समझकर फैसला दे। तीन न्यायाधीशों की पीठ बनी तो लगा कि अब मंदिर का निमार्ण होगा, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। अब हम आशा कर रहे थे कि दीपवाली से पहले हमें कुछ शुभ समाचार मिल जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा होने से रोक दिया।