शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को वो एक्सिओम-4 मिशन के साथ 3 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर अंतरिक्ष यात्रा पर निकले थे। पूरे 18 दिन बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने क्रू मेंबर के साथ धरती पर लौट आए हैं।
कहां उतरे शुभांशु शुक्ला
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन के प्रवास के बाद शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई 2025 को उत्साह के साथ धरती पर वापस लौट आए हैं। शुभांशु शुक्ला स्पेसक्रॉफ़्ट 22.5 घंटे की यात्रा करके अमेरिका कैलेफोर्निया प्रशांत महासागर के सैन डिएगो में उतरे। अभी उनकी स्वदेश (भारत) वापसी करीब एक महीने दूर है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार मिशन के बाद की औपचारिकताओं को पूरा कर शुभांशु शुक्ला अगले महीने 17 अगस्त तक भारत आ पाएंगे। एक्सिओम-4 के चालक दल को हेलिकॉप्टर के जरिये तट पर ले जाने से पहले जहाज पर सबकी कई चिकित्सीय जांच की गई। चारों अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर पुनर्वास के तहत अभी सात दिन अलग-थलग बिताना होगा ताकि वे धरती के गुरुत्वाकर्षण से तालमेल बिठा सकें।
आईएसएस में पहले भारतीय
शुभांशु भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं। उनसे पूर्व राकेश शर्मा 1984 में सोवियत रूसी मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। शुभांशु ने अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनने व पृथ्वी की कक्षा में सर्वाधिक समय तक (20 दिन) रहने का भी इतिहास बनाया। हंगरी व पोलैंड के यात्री भी 40 वर्षों के बाद अंतरिक्ष में भेजे गए थे।
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा की वापसी
– शुभांशु शुक्ला के साथ तीन अन्य यात्री 14 जुलाई 2025 को अंतरिक्षयान में सवार हुए।
– भारतीय समयानुसर दोपहर के 2:37 बजे उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ा हैच बंद किया और शाम 4 बजकर 45 मिनट पर स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्षयान स्टेशन से निकल (अनडॉक) गया।
– यान ने थ्रस्टर्स चलाकर स्टेशन से दूर जाना शुरू किया और करीब 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ा।
– वायुमंडल में प्रवेश करते समय यान को 1600 से 1900°C तक की गर्मी का सामना करना पड़ा, लेकिन हीट शील्ड ने यान को सुरक्षित रखा।
– यान की रफ्तार धीरे – धीरे कम हुई और समुद्र तल से 5,500 मीटर की उंचाई पर दो छोटे पैराशूट खुले। फिर चार बड़े पैराशूट खुले और यान धीरे-धीरे प्रशांत महासागर के तट के पास सुरक्षित उतरा (स्पलैशडाउन)।
– यान को रिकवरी शिप ‘शैनन’ पर लाया गया और शुभांशु व बाकी यात्री मुस्कुराते हुए बाहर निकले। तीन सप्ताह तक भारहीनता (भारहीनता का मतलब किसी वस्तु या व्यक्ति का वजन अनुपस्थित होना) में रहने के बाद ग्राउंड स्टाफ ने उन्हें पैरों से चलने में मदद की।
– जहाज पर उनकी मेडिकल जांच हुई। फिर हेलीकॉप्टर से तट तक ले जाया गया। अब इन्हें सात दिन के एक विशेष पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा ताकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में ठीक से ढल सकें।
अंतरिक्ष में जाने का उद्देश्य
मिशन का उद्देश्य
Axiom 4 मिशन का मकसद है अंतरिक्ष में रिसर्च करना और नई तकनीकें आजमाना। ये एक बड़ी योजना का हिस्सा है जिसमें भविष्य में एक प्राइवेट अंतरिक्ष स्टेशन (एक्सियम स्टेशन) बनाया जाएगा जहां लोग रिसर्च और दूसरी जरूरी चीजें कर सकें।
वैज्ञानिक प्रयोग
इस मिशन में अंतरिक्ष में ऐसे प्रयोग किए जाएंगे जो जमीन पर नहीं हो सकते। वहां गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होता है (इसे माइक्रोग्रेविटी कहते हैं)। इसी माहौल में देखा जाएगा कि बीज कैसे उगते हैं, दवाइयों पर क्या असर होता है और शरीर कैसे काम करता है।
नई तकनीक की जांच
इस मिशन में ऐसी नई मशीनें और उपकरण भी टेस्ट किए जाएंगे जो अंतरिक्ष में काम आ सकते हैं। ये चेक किया जाएगा कि वो कठिन हालात में भी सही से काम कर रहे हैं या नहीं।
देशों का साथ मिलकर काम
Axiom 4 मिशन में कई देशों के अंतरिक्ष यात्री हिस्सा ले रहे हैं। इससे यह दिखता है कि दुनिया के देश मिलकर अंतरिक्ष में भी एक साथ काम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई मंत्रियों ने शुभकामनाएं दी
शुभांशु शुक्ला को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ।” उन्होंने आगे कहा “मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूँ, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन – गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।”
बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा “शुभांशु शुक्ला, आपका स्वागत है! हमें यह देखकर बहुत खुशी हुई कि आप वापस आ गए हैं। आपने जो किया है उसे देखना हमारे लिए गर्व की बात है। आपको और आपकी टीम के सदस्यों को बधाई, और आपके परिवार को शुभकामनाएं।”
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि “शुभांशु की सकुशल वापसी पूरे देश के लिए उत्साहवर्धक है। उनके परिवार और इस सफलता में सहयोग देने वाले सभी अंतरिक्ष विज्ञानियों और संस्थानों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। ऐसे अनुभवों से निश्चित रूप से देश के करोड़ों लोगों को लाभ होगा।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा कहा गया कि “आइएसएस पर ‘एक्सिओम-4’ मिशन के पायलट के तौर पर शुभांशु की भूमिका ने भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए मील का पत्थर स्थापित किया है। इस मिशन में शामिल सभी लोगों को मेरी बधाई।”
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