जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव पचपहरा को मजरा तिन्दुही। ई गांव में जल संग्रह परियोजना केे तहत सन् 2006-7 में पानी की टंकी बनी हती। जा टंकी लगभग छह महीना…
जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं बरसड़ा। इ गावं में सौ साल पुराना गावं समाज के पोखरा हव। इ पोखरा में पहिले पंचबोहनी के मेला लगत रहल। इ पोखरा के पानी से लोग खाना…
जिला बांदा। बांदा से अतर्रा जाय वाली मेन सड़क मा महुआ ब्लाक के पास अउर बांदा से महोबा जाय वाली मेन सड़क मा काशिम ढ़ाबा के पास बनी दूनौ पुलिया…
जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड रीगा, पंचायत पकड़ी, गांव मठवा। उहां अनुसूचित टोला के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भवन के पक्का लगभग दो साल से टुटल हई। जेई कारण शिक्षक रसोइया अउर…
जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव सुरौंधा। हिंया पानी के टंकी सन् 2008 से बनी हवै, पै अबै तक पानी के सप्लाई नहीं होत आय। यहै से पानी के समस्या का…
महोबा का ऐतिहासिक तालाब बेलाताल- इसे अट्ठारहवीं शताब्दी में राजा परिक्षित ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया था। इसलिए इसे प्यार की निशानी भी जाना जाता है। इस तालाब…
जहां लोग सिर्फ आगरा के ताज महल को जानते हैं, वहां दो सौ साल पुरानी ये इमारत सुंदरता में कम नहीं है। नवाब शुजाउददौला ने अपनी बेगम की याद में…
हाजीपुर में मुख्य रुप से चिनियां(अलपान),मालभोग, बरसायन और कोठीया केला उगाया जाता है। जिसमें बरसायन और कोठीया सब्जी के उपयोग में लाया जाता है। ये केला बिहार के हर क्षेत्र…
जिला वाराणसी। रोज मेले जैसे भीड़ के अन्दर जाने के लिए बीस रूपए टिकट। ये हाल है गंगा के किनारे बसे रामनगर के किले का। लगभग दो सौ वर्ष पहले…
- मुज़फ्फरनगर: दंगों के बादराजनीति
दंगों के बाद – लड़कियों के भविष्यों का सवाल
द्वारा खबर लहरिया October 28, 2013उत्तर प्रदेश। यहां के मुजफ्फरनगर जि़ला सहित कई जिलों में 7 सितम्बर 2013 से मुस्लिम और जाट समुदाय के बीच हुए दंगे लड़कियों के भविष्य की दिशा बदलने का कारण…