1. पाकिस्तान की प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता असमा जहांगीर को मरणोपरांत संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के प्रतिष्ठित मानवाधिकार अवार्ड से सम्मानित किया गया है। असमा को 2005 में मैग्सेसे अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
2. पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान में सेना की भूमिका का विरोध करने वालीं असमा का गत फरवरी में 66 साल की उम्र में निधन हो गया था।
3. तीन दशकों तक, उन्होंने सभी ज़रूरतमंद पाकिस्तानी महिलाओं – बच्चों, धार्मिक अल्पसंख्यकों और गरीबों की रक्षा में अविश्वसनीय साहस दिखाया है।
4. अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाली असमा ने पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय कुलदीप जाधव के मामले में भी पाक सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी।
5. 1986 में पाकिस्तान में पहला कानूनी सहायता केंद्र स्थापित करने के बाद, अस्मा ने साहसपूर्वक सबसे मुश्किल मुकदमों को अपने समक्ष लेकर उन पर जीत भी हासिल करी है।
6. 2010 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की सबसे पहली महिला अध्यक्ष के रूप में उन्होंने एक नया इतिहास भी बनाया था।