अशोक कुमार ने बताया कि 13 जनवरी 2019 को मैं बनारस ग्रेनाइट के मालिक का ट्रक चला था। ट्रक में खराबी आने के कारण हम क्रेशर में ट्रक को खड़ा करके सुधारने लगा। तभी 11 हजार बोल्टेज की बिजली का तार टूट कर हमारे ट्रक में रख गया। जिससे हम बुरी तरह से झुलस गए थे। हर महोबा से कानपुर के लिए रेफर कर दिया था।
महोबा से लेकर दिल्ली थ इलाज चला। पर कोई देखने या पूछने नही क्या की क्या स्थिति है। इलाज में लगभग 5 लाख रुपये लग गया है। एक बार हम मालिक से मिलने क्रेशर गए तो वहां के मुनीम गाली गलौज देने लगे थे। इसलिए गिर हम दुबारा नही गए। परिवार की बहुत बुरी स्थिति है।
हम हाथ पैर से विकलांग है। कुछ कर नही सकते। दो छोटे छोटे बच्चे हैं। पत्नी को आगनवाड़ी के लिए प्रशासन से कहा है। पर न तो क्रेशर मालिको के ऊपर पुलिस कार्यवाही करती है। और न ही हमारी कही कोई सुनवाई हो रही है। इस ख़बर को हमने 16 जुलाई को अपने चैनल में लाइव कियाया था।
पीड़ित की मेहनत और हमारी का खासा असर सिखाई दिया। 27 सितम्बर को महोबा मजिस्ट्रेट अपनी टीम के साथ अशोक के घर गए, और पूछताछ की। बयान भी लिख गए हैं। तहसीलदार धर्मराज ने बताया की पीड़ित ने एडीएम को दरखास दी थी। इसलिए जांच के लिए हम आये। हमने बयान लिख लिए भी स्थिति भी खराब। पीड़ित को हर संभव मद्दद दिया जाएगा।