बुंदेलखंड जो एक समय में दलहन और धन का कटोरा माना जाता था आज के समय में हर साल सूखे की चपेट में आ जाता है जहाँ के किसान पानी की बूँद बूँद के लिए तरसते हैं उसी बुंदेलखंड की कृषि की व्यवस्था को सुधरने के लिए अलग अलग तरह की मुहीम सरकार और प्रशासन चलाती रहती हैं इसी प्रकार एक सम्मेलन इस बार फिर हुआ जिसका नाम अरहर सम्मलेन था
बांदा जिले में पहली बार हुए अरहर सम्मेलन में हजारों कि संख्या में भीड के साथ यहां के किसानों की फसलों में नई तकनीक के प्रति खास प्रभाव छोडा़|
किसानो को इस सम्मलेन का भविष्य में बहुत लाभ मिल सकता है
किसानो को बताया गया कि कैसे हम दलहन की फसलों को बेहतर उत्पादन के रुप में अच्छी पैदावार करें| इसके लिए एक से बढ़कर एक सुझाव अलग-अलग जिलों और राज्य से आये पद्मश्री किसानों ने मंच के माध्यम से किसानों को मिले| बुंदेलखंड को दाल के कटोरे के रुप में फिर से चमकाने के लिए विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी| कृषि मंत्रालय भारत सरकार से आए कृषि वैज्ञानिक नंदन श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे सम्मेलन से बुंदेलखंड में बड़ी क्रांति आएगी|
संकल्प रैली युवा सम्मलेन में महोबा पहुंचे उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मायह पहला ऐसा कार्यक्रम है जो फसल विशेष के लिए बहुत अच्छी पहल है| साथ ही विकास के मेन उत्थान का साधन खेती – किसानी ही है 2022 तक किसानों कि आये दोगुनी करने का लक्ष्य भी है| बाहरी जिलों से आये किसानों का कहना है कि भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र दिल्ली ने बुंदेलखंड के विकास का खाका तैयार कर रही है| यहाँ जल्द ही पुराने बीजों कि जगह नये उन्नतशील बीज किसानों के पास होगें| जिससे यहाँ से विलुप्त हो रही अरहर,मुंग,मसुर,चना,मटर कि फसलों कि फिर से अच्छी पैदावार के जरिए किसानों कि आय दोगुनी की जा सकती है और इसके लिए किसानों को नई तकनीक अपनानी होगी|