आने वाले लोक सभा चुनाव के पहले ना जाने क्या-क्या भाषण और घोशनाएँ करेंगें? क्योंकि वोट तो बटोरना है, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने साढ़े सात हजार वृध्दों को पेंशन की संख्या बढ़ाने की भी बात कही है और यह बात पूरे चित्रकूट मंडल के लिये है, पर इस में कितनी सच्चाई है। यह तो वक्त ही बताएगा, कि कितनों को पेंशन मिलती है।
एक लाख बयालीस हजार लाभार्थियों की संख्या हो गई है। इन पेंशन धारकों में से सात हजार लाभार्थियों को आपात्र और मृतकों की वजह से हतास हैं।
उनकी जगह और साढ़े सात हजार वृध्दों को और जोड़ दिया गया है। पेंशन दर 60 साल से 79 तक के लोगों को 400 रूपये और 80 साल से ऊपर के लोगों को 500 रूपये पेंशन हर तीन महीने में दी जाती है।
चित्रकूट मंडल में चालू वर्ष में 48 करोड़ 78 लाख रूपये लाभर्थियों के खाते में भेजा जा चुका है, पर अगर सच्चाई देखें, तो आज भी हजारों वृध्दा पेंशन के लिये रो रहे हैं कि जो आपात्र थे या मर गये हैं उनको हटा दिया।
इस काम को करने में इतनी देर कैसे लगाया गया? इस समय के नये खाता धारक और कुल लाभार्थी।
क्रमसंख्या | जिला | पेंशन धारक | कुल लाभार्थी |
1 | बांदा | 5220 | 49587 |
2 | चित्रकूट | 2870 | 29901 |
3 | महोबा | 2887 | 26902 |
4 | हमीरपुर | 3757 | 36395 |
आंकड़े तो कागज में है, पर सच्चाई में देखें तो कल्याण विभाग ने शासन को बताया कि अभी तक मंडल के चारों जिलों में कोई भी नये वृध्दा पेंशन धारकों की लिस्ट या आवेदन नहीं आये हैं।
इस बात को लेकर हर जिलों के एसडीएम ने ब्लाक स्तर बीडीओ को पत्र जारी किये हैं और कहा है कि जल्द से जल्द वृध्द लोगों के आवेदन भरवाये जायें।
आखिर क्या बात है, कि सरकार इतना दबाव दे रही हैं, पेंशन के लिये? मैं अगर उदाहरण दूं, तो बुन्देलखण्ड के लाखों की संख्या में वृध्द लोग हैं जो बिना पेंशन के अपनी जिन्दगी बिता रहे हैं, तो सरकार कैसे कह रही है, कि मंडल में सबको पेंशन मिलेगी या मिल रही है।
लेखन: मीरा जाटव, संपादक