जिला महोबा ब्लाक जैतपुर कस्बा कुलपहाड़ काशीराम कॉलोनी तहसील कुलपहाड़ कोतवाली कुलपहाड़ कहां के रहने वाला अनुज कक्षा 7 का छात्र में गिलासों से मोबाइल जैसे बात कर दिखाया अनुज का कहना है कि मैं 3 महीना पहले से लाकउन लगा जब से मैं अपने दिमाग में सोच रहा था कि मैं क्या करूं पहले इस समय देखता रहा कि अपने मोबाइल को की क्या-क्या चीजें बनती हैं |
1 दिन ऐसा कुछ मुझे दिमाग में आया कि जो चाय पीने वाली गिलास है उसको धागा से मोबाइल बनाया जा सकता है देखते हैं कि आवाज आएगी या नहीं जैसे मैंने देखा और बनाया बिगाड़ा भी तो उसमें आवाज आने लगी 100 मीटर दूर की फिर मैंने अपने दोस्तों से बताया कि मैंने मोबाइल बनाया है दोस्त कह रहे थे कि अरे यार कैसे तुमने मोबाइल बनाया है हमें भी बात कराओ उनके बड़े भाई को यकीन नहीं हो रहा था की सजा में भी आवाज आ जाएगी उसी तरह से तो उन्होंने एक दिन अपने भाई को भी बोला कि आप भी बोलो आपको सुनाई देती है या नहीं का भाई भी आया तो सच में कह रहा था सुनाई दे रही है |
अभी तक तुम्हें दो-तीन बनाए हुए हैं और अपने कुछ दोस्तों को भी दे डाला है एक मोबाइल बनाया है गिलासों का जो कहता है मैं अपने दोस्तों से बात करता हूं उनको बता देता हूं कि मैं यहां हूं और इतने टाइम में फोन करूंगा तो आप भी जान जाए कि फोन कर रहा है जैसे मोबाइल में आवाज सुनाई देती है उसी तरह से दूसरे की भी आवाज सुनाई देती है उस गिलास में एक जने इधर पकड़ता है गिलास में फंसा हुआ धागा और एक दूसरे तरफ पकड़ता है जो फिर वह धागा के ही शुरू उसमें गिलास में आवाज आती है ज्यादा खर्च भी नहीं है |
मनोरंजन के लिए उन्होंने तो प्लास्टिक के गिलास लिया और ₹3 का धागा लिया उसी से वह अपने मनोरंजन के लिए यह लाशों का मोबाइल बना डाला ना ही ज्यादा टाइम लगता है ज्यादा से ज्यादा 8 घंटा टाइम भी लगता है जब चाहो जब उसको बना भी सकते हो और बिगड़ भी सकते हो सबसे ज्यादा मुझे मेरे बड़े भाई का सपोर्ट मिला है मोबाइल बनाने में और पापा लोग तो कहते हैं कि क्या बनाते हो तुम खिलवाड़ ही करते रहते हो इससे मोबाइल बनाने में मुझे आगे के लिए भी सीख मिली जो कुछ भी काम कर सकते हैं मेरे मोबाइल बनाने का उद्देश्य है कि खाली टाइम बैठे थे पढ़ाई भी नहीं हो रही थी इसे उसमें हम अपने मनोरंजन के ही लिए मोबाइल बनाया है सीखने को तो थोड़े बहुत मोबाइल से ही सीखा है |