अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र शरजील उस्मानी को 8 जुलाई की शाम 5-6 बजे के बीच उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में उनके घर से गिरफ्तार किया गया। माना जा रहा है कि शरजील की गिरफ्तारी पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामले में हुई है। उन पर 4 मुक़दमे दर्ज किये गए हैं।
आपको बता दें कि उस्मानी पर आरोप है कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में सीएए के खिलाफ विरोध का नेतृत्व किया था। पुलिस के रोके जाने पर उन पर पत्थरबाजी भी की थी। पुलिस के दावे के अनुसार उस पत्थरबाजी में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
Police appealing for order and warning the unlawful assembly. Some policemen received injuries in stone pelting. To control the situation, police had to resort to tear gas munitions.
Situation is under control.@ndtv @News18UP @ANINewsUP @htTweets #AligarhMuslimUniversity pic.twitter.com/2BQDARAfm2— UP POLICE (@Uppolice) December 15, 2019
क्या है पूरा मामला
दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून एनआरसी के खिलाफ 15 दिसंबर को छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन में छात्रों का आरोप था कि पुलिस कॉलेज कैंपस में गेट तोड़कर घुसी थी और छात्रों को बेरहमी से पीटा गया जिससे कई छात्र घायल भी हो गए।
इसके बाद पुलिस ने 52 नामज़द और 1,000 अज्ञात पर एफ़आईआर दर्ज की थी | शरजील के पिता के मुताबिक जिनपर नामज़द एफ़आईआर है उनमें शरजील भी शामिल है है और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
शरजील उस्मानी पर दर्ज मुक़दमे
6 दिसंबर 2019 को देश के पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी की फोटो गलत तरीके से फेसबुक पर अपलोड करने का आरोप। शरजील पर अपराध संख्या 682/19 धारा 153ए, 67 आईटी एक्ट सिविल लाइंस के तहत मुकदमा दर्ज है, जिसकी जाँच अभी चल रही है।
6 दिसंबर 2019 को ही एएमयू के ऑडिटोरियम में बाबरी मस्जिद के विषय में मीटिंग कर लोगों को भड़काने का आरोप है। जिसके तहत उस पर अपराध संख्या 697/19 धारा 147, 188, 153 ए सिविल लाइंस लगी है। जिसकी चार्ज सीट दाखिल की जा चुकी है।
15 दिसंबर की शाम एएमयू बाब-ए-सैयद पर छात्रों को उकसाने, पुलिस-आरएएफ पर हमला करने, संपत्ति का नुकसान करने का आरोप। अपराध संख्या 703/19 धारा 147, 148, 149, 153, 188, 189, 332, 336, 307, 506, 7सीएलए, 3 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान अधिनियम सिविल लाइंस दायर है। और 15 दिसंबर को ही छात्रों को भड़काने और दरोगा से मार पीट का आरोप जिसके तहत अपराध संख्या 704/19 धारा 353, 332 व 7सीएलए सिविल लाइंस दर्ज है।
नागरिकता संसोधन कानून
आपको बता दें कि इस कानून के चर्चा में आते ही प्रदर्शन भी शुरू हो गए थे। और इस तरह के केस सिर्फ शरजील उस्मानी पर ही दर्ज नहीं है। बल्कि 19 दिसंबर 2019 में लखनऊ में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले कम से कम 50 लोगों पर भी गैंगस्टर एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। इनमें से 10 लोगों को दोबारा गिरफ्तार किया जा चुका है। इन आरोपियों को 18 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश किया गया था। इसके अलावा 1 जुलाई से आरोपियों के सम्पत्ति भी जब्द होने शुरू हो गए है। आरोप है इन्होने दिसंबर में सीएए के प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचे थी । ये कुर्की उसकी भरपाई के लिए किया जा रहा है।