खबर लहरिया Blog Google Map accident: बरेली में गूगल मैप से फिर हुआ हादसा, आखिर कौन जिम्मेदार प्रशासन या गूगल मैप?

Google Map accident: बरेली में गूगल मैप से फिर हुआ हादसा, आखिर कौन जिम्मेदार प्रशासन या गूगल मैप?

बरेली के बरकापुर गांव के चौराहे पर कलापुर नहर के पास सड़क के कटाव की वजह से कार नहर में जा गिरी। बताया जा रहा है कार में सवार युवक ने गूगल मैप से शॉर्टकट रास्ता अपनाया था। कार में कुल तीन लोग सवार थे जो कानपूर से बरेली जा रहे थे। युवकों ने अपने दोस्त को छोड़कर वापस घर आने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया था।

नहर में गिरी कार को क्रेन की मदद से निकालते हुए की तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

नहर में गिरी कार को क्रेन की मदद से निकालते हुए की तस्वीर (फोटो साभार: टाइम्स ऑफ़ इंडिया)

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में गूगल मैप फिर से एक हादसे का कारण बन गया। जहां गूगल मैप की मदद से शॉर्टकट रास्ते से गुजर रही कार एक सुखी नहर में जा गिरी और कार में सवार तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने जानकारी मिलने पर क्रेन की मदद से कार को नहर से निकलवाया। यह घटना 3 दिसंबर 2024 को हुई जिसकी जानकारी बरेली के एसपी मानुष पारीक ने दी। इसी तरह की घटना कुछ दिन पहले रविवार 24 नवंबर 2024 को सामने आई थी जिसमें गूगल मैप की मदद से जा रही कार अधूरे फ्लाईओवर से रामगंगा नदी में जा गिरी जिससे 3 लोगों की मौत हो गई थी।

तकनीक की दुनिया में गूगल मैप नेविगेशन से कहीं भी पहुंचना आसान हो गया है। गूगल मैप की मदद लेने से हुए हादसे की खबर लोगों में डर पैदा करने लगी है। यदि कोई व्यक्ति कहीं जाने के लिए गूगल मैप की मदद लेता है तो ये हादसा उनके साथ भी हो सकता है। लेकिन ये हादसे क्या सच में गूगल मैप की वजह से हो रहे हैं? क्योंकि गूगल मैप पर भी जानकारी डाली जाती है और यदि जानकारी या रास्ते में बदलाव हुआ है तो उसे अपडेट करने की भी जिम्मेदारी व्यक्ति की होती है जो इस कार्य से संबंधित होता है।

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बरेली में गूगल मैप से नहर में गिरी कार

बरेली के बरकापुर गांव के चौराहे पर कलापुर नहर के पास सड़क के कटाव की वजह से कार नहर में जा गिरी। बताया जा रहा है कार में सवार युवक ने गूगल मैप से शॉर्टकट रास्ता अपनाया था। कार में कुल तीन लोग सवार थे जो कानपूर से बरेली जा रहे थे। युवकों ने अपने दोस्त को छोड़कर वापस घर आने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया था। गूगल मैप ने उन्हें शॉर्टकट रास्ता दिखाया जहां उनकी कार सुखी में नहर में जा गिरी। इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक (शहर) मानुष पारीक ने वीडियो के माध्यम से दी।

जानकारी के अनुसार तीनों लोगों को मामूली चोटें आईं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। घटना में घायल होने वालों की पहचान औरैया जिले के दिवांशु, गाजीपुर के शुभम कुमार राय और गोंडा से मिलन्द प्रकाश के रूप में हुई है।

गूगल मैप से आधे पुल से गिरने से तीन लोगों की मौत

यूपी के बरेली में हाल ही में 24 नवंबर 2024 को घटना हुई जिसमें गूगल मैप के बताये गए रास्ते से गुजरने से कार अधूरे फ्लाईओवर से रामगंगा नदी में जा गिरी जिससे कार में सवार तीन लोग की मौत हो गई। मृतकों की पहचान फर्रुखाबाद निवासी नितिन, अजीत और अमित के रूप में की गई।

गूगल मैप में जानकारी अपडेट न होने से हुआ हादसा

फरीदपुर के सर्किल अधिकारी आशुतोष शिवम ने बताया कि इस साल 2024 की शुरुआत में बाढ़ के कारण पुल का अगला हिस्सा नदी में गिर गया था, लेकिन इस जानकारी को सिस्टम में अपडेट नहीं किया गया था।

परिवार वालों ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) को बताया जिम्मेदार

गूगल मैप के दिखाए रास्ते का जिम्मेदार प्रशासन भी है क्योंकि यदि पुल अधूरा है और आगे जाने का रास्ता नहीं है तो वहां एक चेतवानी बोर्ड का लगा होना जरुरी है। ऐसी जगह चेतवानी बोर्ड या रास्ता बंद करने के लिए कुछ इंतजाम करने चाहिए ताकि ऐसा कोई हादसा न हो।

परिवार का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) इस घटना का जिम्मेदार है। यदि वहां कोई बोर्ड होता या रास्ता खुला न छोड़ा गया होता तो उनके बच्चे आज जिन्दा होते। यूपी टॉक की मदद से परिवार वालों ने अपनी बात कही।

पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और गूगल मैप अधिकारी पर मामला दर्ज

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस दुर्घटना में चार इंजीनियरों और एक गूगल मैप्स अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, एफआईआर में पीडब्ल्यूडी के दो सहायक इंजीनियरों और दो जूनियर इंजीनियरों के साथ-साथ अज्ञात नाम भी शामिल है।

इस तरह की दुर्घटनाओं का दोषी गूगल को माना जा रहा है हालाँकि इस तरह की दुर्घटनाओं के पीछे प्रशासन और सरकार भी एक तरह से जिम्मेदार है। इस तरह की घटना सरकार के चल रहे काम और कर्मचारियों की लापरवाही को दर्शाता है। ये हादसे लोगों का पूरी तरह से जीपीएस या कहें अपनी सुविधा के लिए पूरी तरह से गूगल मैप पर निर्भर होने का परिणाम भी है। ऐसे में स्थानीय लोगों से पूछना भी एक विकल्प हो सकता है।

 

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