टीकमगढ़ जिले में भारतीय मजदूर संघ द्वारा 15 फरवरी को उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर कलेक्टर को सौंपा गया था। प्रदेश महामंत्री आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ संगीता श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने अपनी मांगो की पूर्ति हेतु आंदोलन को अन्य जिलों में भी आयोजित किया है।
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इसके ज़रिये वह चाहती हैं कि उनकी पांच सूत्रीय मांगो को पूरा किया जाए। पहला यह, सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायक मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। दूसरा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों को अठारह हजार और सहायिकाओं को नौं हजार रूपए का वेतन दिया जाए। तीसरा, शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा नीति के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों से संचालित कराने के लिए सरकार ने जो व्यवस्था बनाई है उसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और प्री प्राइमरी शिक्षक का दर्जा देते हुए उन्हें नियमित किया जाए।
चौथा, उन्हें शासकीय कर्मचारी की तरह सभी सुविधाएं, अवकाश और चिकित्साव मिलना चाहिए। पांचवीं, सत्र प्रतिशत वेदों पर सुपरवाइजर की कार्यकर्ताओं को ही भर्ती होना चाहिए। इसमें कोई भी सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं होना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद रिक्त होने पर सहायकों को बिना आवेदन किए सीधे पद को उनके नाम किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उनके आवदेन को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक भेजा जाएगा।
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