दुनिया भर के वैज्ञानिकों और रिसर्च संस्थाओं ने स्पष्ट किया कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एनेसथीसिया लेना खतरनाक नहीं।
सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन (COVID Vaccine) लेने के बाद एनेस्थीसिया लेना जानलेवा हो सकता है. मैसेज के साथ एक शख्स की कहानी भी शेयर की जा रही है, जिसमें बताया गया है कि डेंटिस्ट द्वारा इस शख्स को एनेस्थीसिया देने के 2 दिन बाद ही इस शख्स की मौत हो गई.
मैसेज में हिदायत दी गई है कि कोरोना वैक्सीन लेने के कम से कम 4 हफ्ते तक एनेस्थीसिया न लें. हालांकि, डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सर्जरी की वजह से वैक्सीनेशन टालने की कोई जरूरत नहीं है.
दावा
वायरल हो रहे मैसेज का हिंदी अनुवाद है जिस किसी ने भी कोरोना वैक्सीन लगवाई है, उन्हें किसी भी रूप में एनेस्थीसिया नहीं लेना चाहिए. यहां तक की लोकल एनेस्थेटिक्स या डेंटिस्ट का एनेथेटिक्स भी नहीं. क्योंकि ये बहुत खतरनाक है और जानलेवा भी साबित हो सकता है. इसलिए वैक्सीन लेने के बाद एनेस्थीसियाके लिए कम से कम 4 हफ्तों का इंतजार करना चाहिए.
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सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक
मैसेज में आगे ये भी कहा गया है कि वैक्सीन के बॉक्स पर भी एनेस्थीसिया को लेकर चेतावनी लिखी है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने वैक्सीन के उत्पादकों की फैक्ट शीट चेक कीं, इनमें ऐसा कहीं जिक्र नहीं है कि वैक्सीन के बाद एनेस्थीसिया लेना हानिकारक है.
एकेडमी ऑफ मेडिसिन ऑफ मलेशिया के मलेशियन सोसायटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट्स और कॉलेज ऑफ एनेसथीसियोलॉजिस्ट्स ने एक संयुक्त बयान जारी कर साफ किया है कि कोरोना वैक्सीन के बाद एनेस्थीसिया लेना खतरनाक नहीं है, ये दावा भ्रामक है.
इस बयान में लिखा है कि,इन भ्रम फैलाने वाले बयानों को बढ़ावा देने से कई ऐसे लोग अपनी सर्जरी में अनावश्यक देरी करेंगे, जिनकी सर्जरी जल्द होना जरूरी है.
बयान में आगे कहा गया है कि, वैक्सीनेशन के बाद मरीज में मांसपेशियों में दर्द और फीवर जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. ये लक्षण कुछ समय के लिए बढ़ भी सकते हैं. गौर करने वाली बात ये है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट और ऑपरेशन के बाद के साइड इफेक्ट अलग हैं, इनको लेकर कन्फ्यूज नहीं होना है.
हमने एससीबी मेडिकल हॉस्पिटल में ICU इंचार्ज और एनेसथीसियोलॉजिस्ट डॉ. देवाशीष स्वैन से संपर्क किया. उन्होंने वायरल मैसेज को फेक बताते हुए कहा कि वैक्सीन लेने के बाद ऐसा कोई खतरा नहीं, जैसा कि वायरल मैसेज में दावा किया गया है.
दावे को फेक बताते हुए ICMR के ‘एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीस डिविजन’ के हेड डॉ. समिरन पांडा ने इंडिया टुडे से हुई बातचीत में कहा कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जिससे पुष्टि हो सके कि मैसेज में किया जा रहा दावा सही है.
‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ सर्जरी’ में छपी एक स्टडी में उन मरीजों के वैक्सीनेशन की अनिवार्यता पर जोर दिया गया है, जिनकी सर्जरी होने वाली है.
साफ है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एनेसथीसिया लेने से जान को खतरा होने का दावा झूठा है.
(ये स्टोरी द क्विंट के कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है)
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