कोरोना माहमारी के कारण आई हज़ारों परेशानियों के साथ- साथ स्कूल के छात्र-छात्राएं भी मुसीबत का सामना कर रहे हैं। कोविड-19 के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला लिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो 20 मई तक इन परीक्षाओं की अंतिम तिथि आने की उम्मीद तो थी लेकिन जिस प्रकार से संक्रमण में तेज़ी हो रही है, स्कूली छात्र-छात्राओं को लग रहा है कि कहीं उनकी परीक्षाएं रद्द न कर दी जाएँ। इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में लगभग 56 लाख उम्मीदवार शामिल होंगे, ऐसे में इन लाखों बच्चों का भविष्य अब कोरोना के चलते संकट में आ गया है।
छात्रों के मन में इसको लेकर बहुत ज्यादा टेंशन है और उनका कहना है कि कोविड-19 की वजह से हमारी पढ़ाई पर बहुत ज़्यादा प्रभाव पड़ा है। इन बच्चों के पूरे 1 साल बर्बाद हो गए हैं। इन छात्रों का कहना है कि इन्होने जो खुद से भी पढ़ाई करी थी वो ये भूलते जा रहे हैं। और अगर इस साल भी परीक्षाएं नहीं हुई तो ये और संकट में आ जाएंगे। कई छात्रों का कहना है कि सरकार को कोरोना प्रोटोकॉल के साथ पेपर ले लेने चाहिए क्यूंकि अगर चुनाव हो सकते हैं तो पेपर क्यों नहीं। इम्तेहान की तारिख स्थगित होने के कारण इन सभी बच्चों के भविष्य खतरे में आ गए हैं।
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