भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को राम मंदिर मामले के चलते कहा कि उनकी पार्टी “सही स्थान पर” मंदिर देखना चाहती है। और अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अभी से रोज़ सुनवाई शुरू करेगी तो उन्हें फैसला सुनाने में दस दिन से ज्यादा समय नहीं लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले पर जनवरी में की जाने वाली सुनवाई पर उन्होंने अपना विश्वास जताते हुए कहा है कि इस सुनवाई को ज्यादा समय नहीं लगेगा। उनके अनुसार सुप्रीम कोर्ट को इस ममाले पर जल्द से जल्द काम करना चाहिए फिर चाहे उनका फैसला किसी के भी हक़ में हो।
उन्होंने कहा कि न केवल भाजपा बल्कि पूरा देश अयोध्या में निर्मित “एक विशाल राम मंदिर” को देखने की चाह रखता है।
सबरीमाला और विश्वास के मामलों में न्यायिक समीक्षा के मुद्दे पर शाह ने कहा कि “सबरीमाला लिंग भेदता के बारे में नहीं है, यह एक विश्वास से जुड़ा मुद्दा है। ऐसे कई मुद्दे हैं जहां न्यायिक समीक्षा संभव नहीं है। ऐसे मामलों को लोगों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए। मेरी व्यक्तिगत धारणा यह है कि धार्मिक मामलों को न्यायिक समीक्षा में दूर रखा जाना चाहिए”।
29 अक्टूबर को, अयोध्या मामले में प्रारंभिक सुनवाई के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका से मुक्त सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्माभूमि-बाबरी मस्जिद शीर्षक सूट में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की सूची का आदेश दिया, जिसमे उपयुक्त बेंच सुनवाई की तारीख तय करने के लिए जनवरी के पहले सप्ताह को मान्यता दी गई है।
“अयोध्या का ये मुद्दा सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बीजेपी स्पष्ट रूप से बताती है कि हम सही जगह पर एक विशाल राम मंदिर बनाना चाहते हैं और यह पूरे देश की मांग है। मामला 2014 से पहले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष ही लंबित था। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के वकीलों ने अदालत से अनुरोध कर मामले को प्राथमिकता देने को कहा है”, ऐसा शाह का कहना है।